पीएम किसान सम्मान निधि योजना लाभ से वंचित हो सकते हैं पांच हजार किसान



जागरण संवाददाता, पूर्णिया: सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभुकों का ई-केवाइसी कराने का निर्देश दिया है साथ ही इसके लिए 31 जुलाई तक की तिथि निर्धारित की है। लेकिन अभी तक 53111 किसानों ने अपना केवाईसी नहीं कराया है। ऐसे में उनके सम्मान निधि की राशि रोकी जा सकती है। लाभुकों पर मोबाइल पर भेजे गए थे मैसेज कृषि विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार जिले में 214953 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं। जिसमें से 53111 किसानों ने सरकार के निर्देश के बाद भी अपना ई-केवाईसी नहीं कराया है। जबकि सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए केवाईसी के लिए तिथि बढ़ाते हुए 31 जुलाई तक का अंतिम समय निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले सभी किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है। विभाग द्वारा योजना के लाभुकों के मोबाइल पर कई बार मैसेज भेजा जा चुका है। कई अन्य माध्यम से भी किसानों को जानकारी दी जा चुकी है। फिर भी किसानों ने ई-केवाईसी करवाने में रूचि नहीं दिखाई है। वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से वंचित हो सकते हैं।

25 प्रतिशत किसानों ने नहीं कराई है ई-केवाईसी केन्द्र सरकार ने योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए फरवरी माह में ई-केवाईसी कराने को लेकर निर्देश जारी किया था तथा 31 मई तक अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। इसके बाद भी काफी संख्या में किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराया था। जिसके बाद फिर सरकार ने ई-केवाईसी का डेट आगे बढ़ा कर 31 जुलाई कर दिया था। विभाग के द्वारा लगातार डेट आगे बढ़ाने के बाद भी लगभग 25 प्रतिशत किसानों के द्वारा ई-केवाईसी नहीं करवाया गया है। जनवरी 2022 में सम्मान निधि की 10 वीं किस्त जारी हुई थी।
इनकम टैक्स देने वाले किसान भी ले रहे योजना लाभ छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता के लिए सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। इसमें प्रतिवर्ष 4-4 माह के अंतराल पर दो-दो हजार यानि साल में छह हजार रुपये भेजी जाती है। योजना लाभ के लिए किसानों के लिए जो अहर्ता निर्धारित की गई है उनमें सबसे प्रमुख शर्त यह है कि जो किसान आयकर दाता हैं वे इस योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे। लेकिन बहुत सारे किसान आन लाइन आवेदन में उक्त तथ्य को छिपाकर योजना का लाभ ले रहे थे। विभाग ने जांच बाद 1572 ऐसे अपात्र किसानों की पहचान की है जो आयकर दाता हैं। सबसे अधिक बायसी प्रखंड में 187 आयकर दाता किसान उक्त योजना का लाभ ले रहे हैं। विभाग ने उन सभी किसानों से योजना के तहत ली गई राशि वापस करने का निर्देश दिया है।

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