लैब चलाने की आड़ में करता था ब्लड बेचने का काम

संवाद सहयोगी, किशनगंज : खून बेचने वाले गिरोह के तार बंगाल सहित दूसरे राज्यों में भी फैला हुआ है। निजी क्लीनिक में कार्य का अनुभव लिए युवा गोरखधंधे को बड़ी मात्रा में अंजाम दे रहे थे। खून के काले कारोबार में पकड़े गए युवक ने पूछताछ में भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस गिरफ्त में आया आरोपि बाबर मेडिकल लैब का संचालन करता था। लैब चलाने की आड़ में वह ब्लड बेचने का काम करता था। पुलिस ने उसके लैब में भी छापेमारी की थी। ब्लड को लैब में लाकर वहीं से ही दो अलग अलग एमटी बैग में ब्लड को रखा जाता था। इस लैब में रखे ब्लड को जरूरतमंद की मांग पर तय जगह पर भेजा जाता था। स्वास्थ्य विभाग की लगातार जांच के क्रम में ऐसे लैब व क्लीनिकों की जिम्मेवारी है। लेकिन सवाल का घेरा जांच के दायरे पर उठ रहा है। वहीं पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपित के अवैध स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े होने व खून की सप्लाई में कई नर्सिंग होम की संलिप्तता आने के बाद से पूरा स्वास्थ्य महकमा जांच के घेरे में आ गया है।


ब्लड के लेनदेन की डीलिग ज्यादातर फोन पर ही होती थी। फोन पर ही रुपये भी तय किए जाते थे। खून की मांग करने वाली की स्थिति व मरीज के कंडिशन पर रेट तय कर मोटी रकम वसूली जाती थी। डिमांड के आधार पर ही ब्लड जमा किया जाता था। इस खुलासे के बाद पुलिस व स्वास्थ्य विभाग भी हैरान है।

लोगों की जान के साथ करते थे खिलवाड़

चिकित्सकों की माने तो ब्लड निकालने व ब्लड जिसे दिया जाता है उसमें काफी जांच प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन बिना जांच के ही ब्लड निकालकर बेचा जाना अपने आप में किसी की जान के साथ खिलवाड़ है। पुलिस को यह आशंका है कि आरोपित को एमटी बैग की सप्लाई किसी स्टोर से की जाती थी। पुलिस इस बिदु पर भी बारीकी से जांच कर रही है। मामले में तीनों आरोपी के विरुद्ध सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। यहां बता दें कि एसपी डा. इनामुल हक मेंगनू के निर्देश पर सदर थानाध्यक्ष अमर प्रसाद सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने अलग अलग स्थानों से तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी बाबर चुड़ी पट्टी, रुस्तम लोहार पट्टी कर्बला व शहबाज आलम चुड़ी पट्टी का रहने वाला है। वहीं इस गोरखधंधे में नशे की लत में डूबे युवा सबसे ज्यादा संलिप्त पाए गए।

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