पूर्वी चंपारण में महसूस किए गए भूकंप के झटके

मोतिहारी। नेपाल की राजधानी काठमांडू से 170 किलोमीटर दक्षिण पूर्व क्षेत्र में क्षेत्र में 5.5 तीव्रता से 7:58 बजे आए भूकंप के झटके जिला मुख्यालय और सिकरहना अनुमंडल के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी महसूस किए गए। इस दौरान किसी प्रकार के जानमाल की क्षति होने की सूचना कहीं से नहीं है। भूकंप के झटके मोतिहारी, ढाका, पताही, फेनहारा, घोड़ासहन, आदापुर, छौड़ादानो, रक्सौल आदि जगहों पर भी महसूस किए गए। भूंकप की तीव्रता कम होने के कारण इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को हो सकी। जिस समय भूंकप का झटका आया उस समय कुर्सी या बिस्तर पर बैठकर काम कर रहे कुछ लोगों ने इसे महसूस किया और इसकी चर्चा शुरू की। थोड़ी देर के बाद ही स्थिति सामान्य हो गई। भूकंप का झटका करीब 10 सेकेंड तक महसूस किया गया। इसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी खूब पोस्ट किए गए। किसी ने कहा कि उन्हें महसूस हुआ तो किसी ने कहा कि उन्हें कुछ पता ही नहीं चला। गौरतलब हो कि वर्ष 2016 में नेपाल में आए प्रलयंकारी भूंकप का असर चम्पारण में भी पड़ा था। उस समय कई बड़े मकानों में दरारें पड़ गई थी और कई मकान ध्वस्त भी हो गए थे। कई दिनों तक भूकंप के झटकों ने लोगों को परेशान कर रखा था। नेपाल सीमा क्षेत्र में कांपी धरती, सहमे लोग


भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के हिमालय की तलहटी में रविवार को सुबह नेपाली समय अनुसार 8: 13 व भारतीय समय 7:58 पर धरती कांप उठी। पड़ोसी देश नेपाल का पहाड़ी क्षेत्र के खोटाड़ा मार्तिम बिर्ता इसका केन्द्र बिदु था।करीब चार से पांच सेकेंड तक इसे लोगों ने महसूस किया गया। लोग कुछ समझ पाते,तबतक स्थिति सामान्य हो गयी। लगातार बूंदाबांदी के बीच धरती कांपना बड़ी दुर्घटना का संकेत है। इसकी जानकारी नेपाल राष्ट्रीय भुंकंप मापक केंद्र के अधिकारी लोक विजय अधिकारी ने दी। रिएक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6 रही है।बताया कि नेपाल के सीमावर्ती जिलों में महसूस किया गया।हालांकि,भूकंप से कहीं से भी जानमाल या अन्य किसी प्रकार के छति की सूचना नहीं है।बता दें कि करीब छह वर्ष पूर्व यानी 26 और 27 अप्रैल 2015 को नेपाल में भूकंप ने तबाही मचाया था। उक्त वर्ष नेपाल का गोरखा जिला केंद्र बिदु था। भूकंप आने पर क्या करें
- अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।
- घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें।
- भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
- अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं,तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
- घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें।
- अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं, तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढंके।
- मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके।
- अगर आपके पास कुछ उपाय ना हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।

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