अब मंकीपाक्स का भी मंडराने लगा खतरा, रहें सावधान

अब मंकीपाक्स का भी मंडराने लगा खतरा, रहें सावधान- कोरोना महमारी का अभी भी खतरा टला नहीं, मंकी पाक्स बढ़ाई चिता- मंकी पाक्स के जिले में अबतक नहीं मिले एक भी मरीज

- स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जारी की चेतावानी
जागरण संवाददाता, अररिया :
कोरोना महामारी का खतरा अभी कम नहीं हुआ। इसीबीच अब जिले में मंकीपाक्स का भी खतरा डराने लगा है। चिता की बात है मि इस खतरनांक बीमारी का समुचित उपचार की व्यवस्था जिले में नहीं हैं। सतर्कता व सावधानी ही एक उपाय है। हालांकि मंकी पाक्स के खतरे को भांपते जिला स्वास्थ्य समिति अलर्ट है और चेतावनी जारी किया है। सीएस विधानचंद्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों व चिकित्सकों को चर्म रोग व किसी अन्य तरह के संक्रमण संबंधी मामलों पर विशेष नजर रखने का आदेश दिया है।

लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं उपचार :
सीएस ने कहा कि किसी व्यक्ति में मंकीपाक्स के लक्षण दिखने पर तत्काल इलाज का समुचित इंतजाम कराएं। बताया कि जिले में फिलहाल मंकीपाक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। पूर्णिया सहित अन्य नजदीकी जिलों में कुछ संदिग्ध मरीज जरूर मिले हैं। परंतु सतर्कता व सावधानी जरूरी है।
वायरल डिजीज है:
सीएस ने कहा कि मंकीपाक्स जियोनेटिकल वायरल डिजीज है। इसका संक्रमण जानवर से आदमी के बीच फैलता है। ये चिकन पाक्स फैमली का ही वाररस है। संक्रमण के पश्चात दस से 15 दिनों तक दूसरे व्यक्ति में इसके प्रसार की संभावना अधिक होती है।
सावधानी से आसान है इलाज :
चिकित्सक डा अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना की तरह मंकीपाक्स का इलाज भी संक्रमित व्यक्ति में रोग संबंधी लक्षण के आधार पर संभव है। संक्रमित मरीज को आइसोलेट करना बेहद जरूरी है। ताकि संक्रमण के प्रसार की संभावना को नियंत्रित किया जा सके। संक्रमण के कारण मरीज के शरीर में बड़े-बड़े दाने व चकत्ते उभर आते हैं। इसके सूखने पर मवाद बाहर आता है। इसके संपर्क में आने पर दूसरा व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो सकता है। मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की जरूरत होती है। सावधानी व सतर्कता से उपचार आसान है।
कमजोर व्यक्तियों को खतरा अधिक :
चिकित्सक ने कहा कि मंकीपाक्स के मामले में मृत्यु दर काफी सीमित है। रोग का कोई स्पेशिफिक इलाज नहीं है। होमो सेक्सुअल लोगों को रोग का खतरा अधिक देखा जा रहा है। पूर्व में स्माल पाक्स का टीका जिन्होंने लिया है, उन्हें संक्रमण का खतरा काफी कम है। कम इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका खतरा अधिक है। ऐसे लोगों के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद् पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
बचाव के जरूरी उपाय :
मंकी पाक्स से बचाव के लिए हाथों की नियमित सफाई, मास्क का नियमित उपयोग, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से रहें दूर, संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल में लाने वाले कपड़ों की गर्म पानी से अच्छी तरह
सफाई करना आदि शामिल है।
कैसे फैलता है रोग :
रोगी के संपर्क में आने पर, संक्रमित व्यक्ति के साथ सोने पर, यौन संपर्क बनाने पर, सांस के माध्यम से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण का प्रसार आदि शामिल। प्रमुख लक्षण : तेज बुखार आना, पीठ व मांस पेसियों में दर्द, त्वचा पर दाने व चकत्ते उभरना, गला, जांघ, कांख के पास ग्लैंड का निर्माण, गला खराब होना, बार बार खांसी आना आदि शामिल है।

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