ब्राउन शुगर के दलदल से युवाओं को निकालने के लिए पुलिस ने की अपील

संसू, गलगलिया, (किशनगंज) : जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत को आर्थिक महाशक्ति मिल सकती है, वह आज नशे के दलदल में डूबती जा रही है। इनदिनों किशनगंज जिले का सीमावर्ती क्षेत्र गलगलिया के युवा पीढ़ी में तेजी से नशे की लत फैल रही है। यह नशा शराब, गुटखा, खैनी, सिगरेट का नहीं बल्कि ब्राउन शुगर का है। इस तरह नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। वहीं इसे लेकर यहां के मुखिया सहित तमाम बुद्धिजीवियों ने भी चिता जाहिर की है। इस नशे का सेवन करने वालों में 18 से 25 आयुवर्ग के युवकों की संख्या सब से अधिक है।


भारत-नेपाल एवं बंगाल सीमा क्षेत्र के इस शांत इलाके में ब्राउन शुगर का नशा नासूर बनता जा रहा है। नशे का बढ़ता जाल गलगलिया से शुरू होकर ठाकुरगंज पास के बंगाल चक्करमारी, सिधियाजोत, डेंगूजोत इलाके में पूरी तरह पैर पसार चुका है और युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। करियर बनाने की उम्र में इस नशीले पदार्थ की ओर आकर्षित होकर कई युवा राह से भटक रहे हैं। ब्राउन शुगर के इस रैकेट का नेटवर्क तोड़ने में यहां की कोई भी एजेंसी कामयाब नही हो पा रही है। जबकि यह बात जग जाहिर है कि इस कारोबार का सेफ जोन गलगलिया बना हुआ है और इस कारोबार में कौन-कौन लोग संलिप्त हैं।
सूत्रों की मानें तो इस काले धंधे को करने के लिए तस्करों ने कई ऐसे युवकों को लगा रखा है जिनका काम बाइक से जाकर सेवन करने वालों एवं छोटे कारोबारियों को डिलीवरी देना है। युवक पहले नशे का शिकार होते हैं और बाद में नशे के सेवन के लिए पैसे ना होने से इस धंधे में लग जाते हैं। कई युवकों को नशे की खुराक नहीं मिलने के कारण विक्षिप्तों की तरह हरकत करते देखा गया है। इस नशे का सेवन करने वाले पैसे के लिए चोरी, छिनतई की राह भी अपना रहे हैं। जानकारी के अनुसार, ब्राउन शुगर तस्कर आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को चिह्नित कर उन्हें अपने साथ घुमाते-फिराते हैं। इसके बाद ब्राउन शुगर पीने की लत लगाकर उन्हें अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। लत लगने के बाद युवक तस्कर के पीछे-पीछे घूमने लगते हैं। गरीबी के कारण शुरुआती दौर में फ्री में ब्राउन शुगर पीने के लिए भी दिया जाता है और इसके बदले में तस्कर उससे ब्राउन शुगर की पुड़िया होम डिलेवरी कराते है। वहीं युवक पुड़िया लेकर इधर से उधर मंडराते रहते हैं और एक बार कोई किशोर व युवा इनके संपर्क में आ गया तो वह अपने दोस्तों का भी संपर्क इन तस्करों से करा देता है, इससे ब्राउन शुगर पीने वालों की चेन बनती जा रही है। स्थानीय बुद्धिजीवियों ने बताया कि हम गलगलिया वासियों को इस पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। ताकि नशे के सौदागरों का नेटवर्क टूट सके नही तो वो दिन दूर नही जब यहां के हर घर का एक युवक इसका शिकार बनेगा और मौजूदा एक पूरी पीढ़ी को हम खो देंगे।
हालांकि गलगलिया पुलिस की कार्रवाई में कई शराबियों व कारोबारियों को जेल भेजने की खबर से ही शराब पर लगाम लगी है, लेकिन ब्राउन शुगर के कारोबारियों पर पुलिस की ओर से इसको रोकने के लिए कोई विस्तृत कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। सीमा पर तैनात एसएसबी नशे के सौदागरो के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कई बार जाल बिछाई मगर उन्हें भी कोई बड़ी कामयाबी नही मिली। इस संबंध में गलगलिया थानाध्यक्ष सरोज कुमार ने कहा कि इस तरह के लोगों पर पुलिस प्रशासन की पैनी नजर है। इस संबंध में लोगों से सहयोग की अपील करते हुए सूचना देने की अपील की है ताकि, उनपर कार्रवाई की जा सके।

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