मुख्य नहर में नहीं दिया जा रहा क्षमतानुसार पानी

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल)। मानसून की बेरुखी से उपजे सुखाड़ के हालात पर विभागीय मंत्री के आदेश के बावजूद जलवाहक पूर्वी कोसी मुख्य नहर में क्षमतानुसार 15 हजार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ा गया। मंगलवार को फ्लसिग के बाद सुबह 08 बजे से मात्र 6500 क्यूसेक जलस्त्राव छोड़ा गया 10 बजे उसे घटाकर पांच हजार क्यूसेक कर दिया गया।

किसानों का कहना है कि सिचाई सृजन के वरीय अधिकारी किसानों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
कोसी एवं पूर्णिया प्रमंडल के किसानों के खेतों तक पटवन हेतु बिछे नहरों के जाल को पानी पहुंचाने हेतु जलवाहक पूर्वी कोसी मुख्य नहर के शून्य आरडी से 135.50 आरडी तक से निकली शाखा नहर, वितरणी, माइनर, डायरेक्ट आउटलेट, भीसी में निर्धारित क्षमता के अनुसार जलस्त्राव टेल एंड तक दिया जाना है। इसके लिए निकले इन नहरों के लिए मुख्य नहर के हरेक एचआरसीआर से पानी देने का एफएसएल और एफएसडी का मानक जलस्त्राव के तहत निर्धारित है। इन सारी प्रक्रियाओं और मानकों के तहत जब मुख्य नहर में ही डिजाइन डिस्चार्ज 15 हजार क्यूसेक नहीं दिया जाएगा तो उसकी प्रणालियां कहां से खेतों तक पटवन हेतु पानी दे सकेंगी। ये सब कुछ जानते हुए ही सिचाई सृजन के अभियंता मंत्री के आदेश और सुखाड़ जूझ रहे किसानों के प्रति जवाबदेह नहीं दिखते। मंत्री के आदेश के बावजूद मुख्य नहर में पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ कर अभियंता निश्चित हैं कि कभी न कभी खेतों में पानी जाएगा ही। फिलवक्त रुक-रुककर वर्षा हो रही है। यह पानी धान की फसल के लिए नाकाफी है।

अन्य समाचार