नल जल योजना के अभाव में फल-फूल रहा पेयजल का अवैध कारोबार

संवाद सहयोगी, किशनगंज : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना की सफलता के अभाव में शहर के विभिन्न वार्डों के लोग आयरनयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं। कई वर्ष गुजरने के बाद भी योजना शहरी क्षेत्र में धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इसके कारण कई स्थानों में गरीब परिवारों को आज भी चापाकल का पानी पीने को मजबूर कर दिया है। शहर के पानी में आयरन की मात्रा अधिक मात्रा में है। इसके कारण कई परिवार मिनरल वाटर के नाम पर संचालित प्रतिष्ठानों से पानी लेकर पीते हैं। वहीं इसकी लगातार बढ़ती मांग के कारण ऐसे संस्थान लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि इनकी जांच एक टेढ़ी खीर बना हुआ है।


जिले में नल से शुद्ध पेयजल देने का वादा शहरी क्षेत्र में ग्रहण लगता दिख रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में इसके संचालन शुरू किया जा चुका है। वहीं नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत 34 वार्ड के लोगों को नल से जल का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। इसके अभाव में मिनरल वाटर का धंधा लगातार जोर पकड़ रहा है। वहीं पानी का धंधा करने वाले लोग किसी प्रकार के लाइसेंस तक लेने से परहेज करते हैं। बगैर किसी जांच व जिम्मेदारी के ही ऐसे संस्थानों का काम चलता है। जबकि राज्य व केंद्र सरकार की तरफ से की गाइडलाइन पानी को लेकर है। वहीं इसके कारोबार के लिए भी कई विभागों की अनुमति के साथ ही लाइसेंस तक लेने का निर्देशन है। लेकिन जांच के अभाव में ऐसे प्रतिष्ठानों का कार्य धड़ल्ले से जारी है। जांच के अभाव में लोगों के स्वास्थ्य के साथ लगातार खिलवाड़ जारी है।

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