खाद्य सुरक्षा निधि से जीविका दीदियों को आपदा में मिली राहत

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जीविका के माध्यम से भूमिहीन या छोटे जोत वाले गरीब ग्रामीण महिलाओं का स्वास्थ्य और पोषण बेहतर रह सके, इसके लिए जीविका के माध्यम से खाद्य सुरक्षा निधि की व्यवस्था की गई है। इस निधि से किशनगंज जिला में अब तक 8 करोड़ 45 लाख रुपये ग्राम संगठनों को दिया गया है। इससे विभिन्न ग्राम संगठनों ने मांग और आवश्यकता अनुसार चावल, गेहूं, दाल, सोयाबीन, सरसो तेल इत्यादि कि खरीद की है। यह खरीददारी 800 से अधिक ग्राम संगठनों में की गई है। जरूरत अनुसार की गई इन खरीददारी से जीविका दीदियों को अपने स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। यह निधि ब्याज मुक्त होता है। दीदियों को सिर्फ खरीददारी उपरांत, आसान किश्तों में मूलधन लौटाना होता है। थोक में खरीददारी होने से खाद्य सामग्री बाजार मूल्य से कम कीमत पर प्राप्त हो जाती है। जिससे जीविका दीदियों को यह खाद्य वस्तुएं कम कीमत पर मिलती हैं।


कम कीमत पर सामानों की प्राप्ति से महिलाओं को आर्थिक लाभ भी हो रहा है। गरीब ग्रामीण महिलाएं अक्सर पैसे के अभाव में जरूरी खाद्य वस्तुएं या तो नहीं खरीदती हैं या उधारी खरीदती हैं। इसके लिए ग्राम संगठन में 12 से 15 सदस्यों की एक समिति बनाई गई है। इस समिति में प्रत्येक स्वयं सहायता समूह से एक सदस्य एवं सामाजिक कार्य एवं ग्राम संगठन कार्यकारी बोर्ड के एक सदस्य शामिल होते हैं। एफएसएफ समिति के मार्गदर्शन में हर समूह जरूरत अनुसार माइक्रोप्लानिग करती है।
समूह द्वारा दी गई मांग के आधार पर ग्राम संगठन खरिददारी करता है। किशनगंज जिले में बाढ़ एक मूल समस्या है। ऐसे जगहों पर प्राकृतिक आपदा से पूर्व खाद्य सामग्री की खरीद की जाती है। किशनगंज जिला के दिघलबैंक प्रखंड के इकरा पंचायत में इस वर्ष बाढ़ पूर्व खरीददारी की गई। विकास, रूपा, रेशमी, फलक, महक ग्राम संगठनों ने एफएसएफ के तहत खरीददारी की गई। जीविका दीदियों को एफएसएफ के तहत की गई खरीददारी से इस मुश्किल घड़ी में बहुत राहत मिली है। वहीं सदर प्रखंड के हालामाला पंचायत के झांसी की रानी, विकास इत्यादि ग्राम संगठन में बाढ़ पूर्व खरीददारी से दीदियों को आपदा के समय खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में मदद मिली। जीविका दीदी खाद्य सुरक्षा निधि से साल में चार बार खरीददारी कर सकती हैं। यह खरीददारी तीन महीने के लिए की जाती है। ग्राम संगठन में खाद्य सुरक्षा निधि परिक्रमा करती रहती है। जरूरत और समूह की मांग अनुसार इस राशि के तहत खाद्य पदार्थों की खरीद होते रहती है।

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