पुलिस फाइलों में उलझी रही अपराधी मंशा पूरी कर चलते बने

जागरण संवाददाता, खगड़िया : कहावत थी, अपराधी डाल-डाल, तो पुलिस पात-पात। अब यह कहावत बदल गई है। अब पुलिस डाल-डाल पर है, तो अपराधी पात-पात पर। पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस की छवि निखारने के लिए तरह-तरह के आदेश दिए जा रहे हैं। पुलिस के वरीय अधिकारियों से लेकर थानाध्यक्ष तक फाइलों में उलझे हुए हैं। इससे धरातल पर पुलिसिग कमजोर हुई है।

बीते सोमवार को एसटीएफ के डीआइजी किम मोरकाही थाने का निरीक्षण कर रहे थे। पुलिस के वरीय अधिकारी समेत थाने के अधिकारी रात करीब आठ बजे तक फाइलों को सहेजने में ही लगे रहे। इधर, पैक्स अध्यक्ष चंदन यादव की उसी थाना क्षेत्र के लचका पुल के समीप गोली मारकर अपराधियों ने हत्या कर दी। यह घटना संध्या सात बजे के आसपास घटी। घटना के तुरंत बाद जो कार्रवाई होनी थी, नहीं हो पाई। पुलिस सूत्र का कहना हुआ कि शाम में दो गश्ती दल निकलती है। मगर डीआइजी के आने पर एक गश्ती दल उनके स्कार्ट में लगी रही, तो दूसरा गश्ती दल भी संशय में रहा। कई मामलों में देखा गया है कि किसी घटना अथवा हादसा के समय पुलिस गश्ती दल की अहम भूमिका होती है। सोमवार की शाम भी मोरकाही थाने का एक गश्ती दल सबलपुर के हादसे में गंभीर रूप से जख्मी विनोद पासवान को अस्पताल लाई। जिससे विनोद की जान बच सकी। सोमवार को एसटीएफ डीआइजी के आने की सूचना पर पुलिस के वरीय अधिकारी समेत मोरकाही थाने की पुलिस देर शाम तक व्यस्त रही। सूत्र का तो यह भी कहना है कि मोरकाही थाने की गश्ती दल देर शाम तक लचका पुल के समीप देखी जाती थी। मगर सोमवार को एसटीएफ डीआइजी के थाने का निरीक्षण को लेकर पुलिस उसी में उलझी रही और अपराधी अपनी मंशा पूरी कर आसानी से भागने में सफल हो गए। वैसे भी सूर्यास्त होने पर अपराधियों की गतिविधि बढ़ जाती है। इसको भांप कर शाम में पुलिस गश्त तेज होती रही है। स्थानीय कई लोगों के अनुसार दिन में थाना का निरीक्षण वाजिब है। खासकर संवेदनशील मोरकाही थाना का।


ताबड़तोड़ घटी तीन आपराधिक घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया
जागरण संवाददाता, खगड़िया : सोमवार को तीन गंभीर घटनाओं ने पुलिस के साथ ही आमलोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। तीनों घटनाएं संवेदनशील इलाके में ही घटी है। दिनदहाड़े अमनी के सरपंच रतन राम को गोली मारकर जख्मी करने की घटना भी संवेदनशील इलाके में ही घटी है। अमनी को कभी नक्सलियों की राजधानी कहा जाता था। पैक्स अध्यक्ष चंदन यादव की गोली मारकर हत्या की घटना भी वहां घटी, जहां पहले ही कई हत्याएं हो चुकी है। दूध व्यवसायी की हत्या भी वहां हुई, जहां का कई आपराधिक इतिहास रहा है। उस क्षेत्र के आसपास कई हत्याएं हो चुकी है। यह क्षेत्र खगड़िया-बेगूसराय जिला का सीमा क्षेत्र है और शाम में दुर्गम हो जाता है।
जिले में पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी की आबादी के हिसाब से पद सृजित नहीं है। थानों में जितने पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी होने चाहिए, अधिकांश जगहों पर कमी महसूस की जाती है। जिले में एक हजार के आसपास पुलिस जवान और अधिकारी हैं। जबकि थाना और ओपी की संख्या 18 है। ऐसे में अपराधी गिरोहों द्वारा उठा रहे फन को फिर से कुचलने को लेकर एक तो पुलिस की क्षमता बढ़ानी होगी, दूसरी लगातार पुलिस की क्षेत्र में उपस्थित भी जरूरी है। बहरहाल, फाइलों में उलझने के साथ ही पुलिस को क्षेत्र में भी कारगर भूमिका निभाने की जरूरत है।

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