जिला परिषद का कामकाज ठप, प्रशासक का हो रहा इंतजार

संवाद सहयोगी, लखीसराय : पंचायत चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत सरकार के गठन के आठ माह बीत जाने के बाद भी जिले में जिला परिषद का काम काज पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। राज्य सरकार ने पहली बार डीडीसी का पावर समाप्त कर अपर समाहर्ता (एडीएम) को जिला परिषद का मुख्य प्रशासक बनाया है। जिले में नए एडीएम के रूप में सुधांशु शेखर का पदस्थापन किया गया है। लेकिन अधिसूचना के एक पखवाड़ा से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नए एडीएम ने जिले में योगदान नहीं किया है। हाल यह है कि बिना मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के ही जिला परिषद आठ माह से चल रहा है। अबतक जिला परिषद की योजनाओं की स्वीकृति भी नहीं मिली है और न ही सरकार की पोर्टल पर योजनाओं की इंट्री कराई गई है। ऐसे में चुनाव जीतकर आए जिला परिषद के सदस्यों का चेहरा मुरझाया हुआ है। वे प्रशासक के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उधर जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के योगदान नहीं करने से वित्तीय कार्य भी पूरी तरह बाधित है। जिले की ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समिति का कार्य भी बंद है। मुखिया से लेकर प्रखंड प्रमुख भी त्राहिमाम कर रहे हैं। प्रखंडों में प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के रहते हुए भी विकास कार्य अवरुद्ध है। जिला परिषद के अध्यक्ष रविरंजन कुमार ने कहा कि प्रशासक के नहीं रहने से कार्य बाधित है। नए एडीएम के आने का इंतजार किया जा रहा है। उनके आते ही कार्य शुरू होगा।

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जिला परिषद ने साढ़े पांच करोड़ की तैयार की है योजना
वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिला परिषद को पांच करोड़ 41 लाख रुपये की राशि प्राप्त है। 11 सदस्यों वाली जिला परिषद की कैबिनेट ने करीब साढ़े पांच करोड़ की करीब 200 योजनाओं की सूची तैयार की है। सभी जिप सदस्यों ने अपने क्षेत्र के विकास के लिए दी गई योजनाओं की सूची को कंप्यूटर पर अपलोड कर लिया है। मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के आने के बाद ही ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर योजनाओं की स्वीकृति मिलेगी। जिला परिषद में पहले से वर्ष 2020-21 और 2021- 22 में करीब आठ करोड़ और छठे वित्त आयोग योजना की तीन करोड़ 42 लाख की राशि पड़ी हुई है।
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काम शुरू होने से पहले ही जिला परिषद में मचा है घमासान
संवाद सहयोगी, लखीसराय : राजनीतिक उठापटक और काफी खींचतान के बीच जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए रविरंजन कुमार उर्फ टनटन के नेतृत्व में विकास कार्य का शुभारंभ होने से पहले ही घमासान मचा हुआ है। फंड का बंटवारा और हिस्सेदारी को लेकर कामकाज के पहले ही जिप अध्यक्ष के खिलाफ कतिपय सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है। योजना क्रियान्वयन को लेकर फंड के बंटवारे का विरोध हो रहा है। जानकारी के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए 84-84 लाख की योजना की तैयार की है। बाकी जिप सदस्यों के बीच साढ़े 41 लाख के हिसाब से फंड का बंटवारा किया गया है। इसका कतिपय जिप सदस्य विरोध कर रहे हैं। एक महिला जिप सदस्य ने इसके विरोध में न्यायालय में परिवाद भी दायर कर दिया है। इसकी नोटिस भी कोर्ट ने जारी की है। जानकारी हो इससे पहले भी जिला परिषद में फंड का बंटवारा जिला परिषद के अध्यक्ष ही किया करते थे लेकिन इस बार सवाल उठने लगे हैं। हालांकि जिला परिषद अध्यक्ष रविरंजन कुमार उर्फ टनटन ने कहा कि कहीं कोई समस्या नहीं है जो भी काम होगा नियम कायदे से होगा।

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