संभावित सुखाड़ से निपटने को हर स्तर पर हो रही है तैयारी

जागरण संवाददाता, खगड़िया : समाहरणालय में मंगलवार को जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। जिसमें फसल आच्छादन, सुखाड़ की स्थिति में वैकल्पिक फसल, फसल आच्छादन की जांच, बीज वितरण, उर्वरक की उपलब्धता, जैविक कारिडोर पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता डीडीसी संतोष कुमार ने की। इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी मु. जावेद, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण श्याम नंदन कुमार के साथ अन्य अधिकारी मौजूद थे।

इस मौके पर डीडीसी ने धान फसल के साथ अन्य फसलों की बोआइ की जानकारी ली। सिचाई व उर्वरक को लेकर जानकारी ली तथा कई आवश्यक निर्देश दिए। वहीं इनपुट अनुदान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की भी समीक्षा की गई। विभिन्न स्तरों पर लंबित नए आवेदनों के त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया गया। बिहान ऐप पर अपलोड होगा फसलों के आच्छादन की रिपोर्ट
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बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि धान फसल में 91 प्रतिशत बिचड़ा गिर गया है। जबकि धान की रोपनी 65 प्रतिशत तक हुई है। जून एवं जुलाई महीने में हुई कम वर्षा के कारण जिले में रोपनी कार्य कम हो सका है। उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों से अच्छी बारिश होने से धान रोपनी में तेजी आएगी। बताया गया कि धान का आच्छादन मकई की तुलना में ज्यादा हुआ है। गोगरी प्रखंड में अभी भी धान की रोपनी 50 प्रतिशत हुई है। इस वर्ष भदई मकई की फसल के आच्छादन में कमी आई है। बताया गया कि बाकी क्षेत्रों में छिटका धान भी लगाया जाता है। अलौली में मात्र 65 प्रतिशत धान रोपनी की बात बताई गई। निर्देश दिया गया कि प्रतिदिन पंचायतवार खरीफ फसलों के आच्छादन की समीक्षा होगी एवं अचूक रूप से बिहान ऐप पर फसलों के आच्छादन का रिपोर्ट अपलोड किया जाए।

डीजल अनुदान को लेकर किसानों को जागरूक करने का निर्देश

बैठक में वर्षा के अभाव में सुखाड़ की संभावित स्थिति को देखते हुए डीजल अनुदान के आवेदनों का प्रतिदिन सत्यापन करने और निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। डीजल से पटवन का साक्ष्य भी मिले एवं किसान का रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ पेट्रोल पंप का कंप्यूटराइज्ड बिल भी साथ में संलग्न होना चाहिए। निर्देश दिया गया कि अधिक से अधिक किसानों को डीजल अनुदान के लिए आवेदन करने को लेकर प्रेरित किया जाए। उन्हें इसकी प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी दी जाए। ताकि किसान को कम परेशानी हो और सुलभता से डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकें। इसके लिए पंचायत स्तर पर भी अनुश्रवण समिति गठित है।

वैकल्पिक फसल की तैयारी पर जोर

जासं, खगड़िया : जुलाई में बहुत ही कम वर्षा हुई है। इससे धान की रोपनी प्रभावित हुई है। अन्य फसलों पर भी प्रभाव पड़ा है। अब विभाग की नजर वैकल्पिक फसलों पर है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कम अवधि के फसलों में मक्का, उड़द, तोरिया, सरसों, मटर, मूली इत्यादि के बीज की मांग भी कृषि विभाग से की गई है। डीडीसी ने निर्देश देते हुए कहा कि वैकल्पिक फसल सूत्रण की तैयारी जारी रखें। यह ध्यान रखना है कि कोई भी खेत खाली ना रहे। कम अवधि की वैकल्पिक फसलों की बीज किसानों की मांग के हिसाब से उपलब्ध कराई जाए।

उर्वरक की उपलब्धता व बिक्री पर रखें नजर

जासं, खगड़िया : रासायनिक खाद की उपलब्धता की समीक्षा की गई। जिले में विभिन्न उर्वरक उपलब्ध रहने की जानकारी दी गई। डीडीसी ने कहा कि माहवार आवश्यकता की तुलना में निकट भविष्य में उर्वरक की कमी नहीं हो इसका ख्याल रखें। खाद विक्रेता अधिक दाम पर उर्वरक नहीं बेचें एवं पोस मशीन से उर्वरकों की बिक्री करें, इस पर विशेष नजर बनाए रखें। कृषि विभाग के कर्मी खाद दुकानों की जांच करें एवं उपलब्ध खाद का भौतिक सत्यापन भी करें। उन्होंने कहा कि उर्वरक दुकानों की जांच प्रभावी ढंग से होनी चाहिए एवं इसके लिए पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए, ताकि दुकानों पर कालाबाजारी एवं जमाखोरी ना हो।

तेलिहार को पूर्ण जैविक ग्राम बनाने का निर्देश

जासं, खगड़िया : बैठक में डीडीसी ने जैविक कोरिडोर से संबंधित योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। इसे लेकर जिला उद्यान पदाधिकारी को कई निर्देश भी दिए। उन्होंने जैविक कोरिडोर के तहत पूर्ण जैविक ग्राम विकसित करने का निर्देश दिया। टपकन सिचाई को प्रोत्साहित करते हुए लाभुकों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने बेलदौर प्रखंड के आदर्श ग्राम पंचायत तेलिहार में जैविक कारिडोर स्थापित करने की दिशा में कार्य करने को कहा। ताकि नीति आयोग की आने वाली टीम को भी इसे दिखाया जा सके। कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी को जलवायु अनुकूल कृषि एवं जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए क्षेत्र भ्रमण कर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया।

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