सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में नहीं है आग से बचाव का कोई इंतजाम

बेतिया । गवर्नमेंट मेडिकल कालेज अस्पताल को छोड़कर जिले के सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। जिले के करीब 210 अस्पतालों में आग से बचाव के पर्याप्त संसाधन नहीं है। फायर फाइटिग यंत्र नहीं है। इसमें सरकारी और निजी दोनों अस्पताल शामिल है। अनुमंडल अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित निजी अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था मानकों के अनुरूप नहीं है। हालांकि गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फायर फाइटिग यंत्र लगा है। यह व्यवस्था अस्पताल के नए भवन के प्रत्येक फ्लोर पर उपलब्ध है। अस्पताल के विभिन्न दफ्तरों में भी अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गई है। हर वार्ड के कारीडोर में फायर फाइटिग यंत्र है। एनओसी के लिए करीब 20 दिन पहले अग्निशमन विभाग द्वारा इसकी जांच की गई थी। बताया जाता है, कि जांच के दौरान गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल मानक पर खरा उतरा था। हालांकि अभी एनओसी प्राप्त नहीं हुआ है। अस्पताल अधीक्षक डा. प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि करीब दो माह पूर्व आग से बचाव के लिए माक ड्रिल कराया गया था। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय कर्मियों को प्रशिक्षण दिया था। आग से बचाव के लिए कई उपाय बताए थे।

18 पंचायतों में 36 हजार पौधे लगाने की तैयारी यह भी पढ़ें
-------
इनसेट
प्राइवेट अस्पतालों में मानक की अनदेखी
आग से बचाव के लिए आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन विडंबना यह है, कि बड़े-बड़े नर्सिंग होम और निजी क्लीनिक के पास आग से बचाव के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। बड़े-बड़े नर्सिंग होम बन गए हैं, अस्पताल खुल गए हैं लेकिन सुरक्षा के नाम पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। हालांकि जिले के अस्पतालों में फिलहाल अगलगी की घटना नहीं हुई है। लेकिन यह लापरवाही लोगों के जीवन पर भारी पड़ सकती है। बताया जाता है, कि बिना फायर फाइटिग यंत्र के अस्पताल खोलने की मनाही है। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ विभाग कार्रवाई कर सकता है।
---------------------------------------
अस्पतालों की होती है जांच
अग्निशमन विभाग के कर्मी राजू कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से अस्पतालों की जांच होती है। जहां फायर फाइटिग यंत्र नहीं लगा है , संबंधित अस्पताल के संचालक को यंत्र लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। कुछेक लोग लगवाते भी हैं। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदन दिया जाता है।
--------
इनसेट बयान :
निजी नर्सिंग होम या सरकारी अस्पताल में मानक की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसकी जांच कराई जाएगी जो भी दोषी पाए जाएंगे कार्रवाई होगी।
डा. वीरेंद्र कुमार चौधरी
सिविल सर्जन
बेतिया

अन्य समाचार