जिला पदाधिकारी ने लहना गांव की स्थिति का लिया जायजा

जिला पदाधिकारी ने लहना गांव की स्थिति का लिया जायजा

जागरण संवाददाता, शेखपुरा : बुधवार की साप्ताहिक जांच को लेकर दो दर्जन से अधिक पदधिकारियों को गांव भेजकर सुखाड़ के साथ स्कूल,आंगनबाड़ी,जनवितरण, नल-जल, मनरेगा सहित विभिन्न योजना की जांच की गई। इसमें जिला पदाधिकारी सावन कुमार स्वयं चेवाड़ा प्रखंड के लहना गांव जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। जिला पदाधिकारी ने गांव में अल्प बारिश से उत्पन्न स्थिति को लेकर ग्रामीणों से भी बात की। डीएम को बताया गया यहां का राजकीय सिंचाई नलकूप दशक से खराब पड़ा है। बिजली के ट्रांसफार्मर जले पड़े हैं। जिला पदाधिकारी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लघु सिंचाई के कार्यपालक अभियंता को गांव में सिंचाई के लिए नया नलकूप लगाने का प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया। बिजली के अभियंता को गांव के खराब बड़े चारों ट्रांसफार्मर को तुरंत बदलने का निर्देश दिया। कृषि विभाग के पदाधिकारियों को किसानों को सरकारी योजना से जोड़ने और उसका लाभ देने को कहा। ग्रामीणों ने डीएम को बताया बारिश नहीं होने और सिंचाई का वैकल्पिक साधन नहीं रहने से धान की रोपनी नहीं हो पा रही है।
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अवैध खनन व ढुलाई में 139 वाहन जब्त
जागरण संवाददाता, शेखपुरा : जिले में सरकारी खजाना भरने में खनन विभाग नवरत्नों में अव्वल साबित हो रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के चार महीन में ही विभाग ने सरकार के खजाने में लगभग 19 करोड़ रुपये जमा करा दिया दिया है। यह तब जब जिले के आधे से अधिक पहाड़ी भूखंडों में बंदोबस्ती की अवधि पूरी हो जाने के वजह से खनन का काम बंद पड़ा है। जिले में अभी केवल सात खंडों पर खनन का काम हो रहा है। जिला खनिज विकास पदाधिकारी अखलाक हुसैन ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष के चार महीन में अवैध खनन और ढुलाई के मामले में कार्रवाई करते हुए 139 वाहनों को जब्त किया गया है। जब्त वाहनों में ट्रैक्टर, ट्रक और हाइवा भी शामिल हैं। जुर्माने के रूप में इन कार्रवाइयों में एक करोड़ 68 लाख 27 हजार रुपये वसूल किए गए हैं। इस दौरान जिले में 221 छापेमारी की गई और विभिन्न थानों में 30 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अभी जिले के चांदी, मटोखर, पचना, वाजिदपुर व बरारी के सात खंडों में पत्थर उत्खनन का कार्य चल रहा है। अवैध खनन को लेकर जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में समूचे जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी कार्रवाई में कई फार्मों पर जुर्माना भी लगाया गया है। उन पहाड़ी भूखंडों जिनकी बंदोबस्ती की अवधि पूरी हो गई है, उनका दोबारा बंदोबस्ती कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जा रही रही है।

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