टीबी से संक्रमित माताएं भी करा सकती हैं स्तनपान : डा. श्रीनिवास

संवाद सहयोगी, लखीसराय। जिले में एक अगस्त से स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। विभाग अपने हिसाब से लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रही है। स्थिति यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशाला, नुक्कड़ सभा के आयोजन के बदले विभाग प्रेस रिलीज के माध्यम से लोगों को इसके प्रति जागरूक करा रहा है। जिला संचारी रोग पदाधिकारी (सीडीओ) डा. श्रीनिवास शर्मा ने बताया की टीबी जैसी संक्रामक बीमारी से संक्रमित माताएं अपने शिशु को स्तनपान करा सकती हैं। इससे शिशु को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। क्योंकि, मां के दूध में माइकोवैक्टीरियम, ट्यूबरक्लोसिस नहीं पाए जाते हैं। अगर मां टीबी की दवा खा रही हो तो भी दूध में काफी कम मात्र में दवा का अंश प्रवाहित होता है। इसलिए संक्रमित माता के दूध से उसके नवजात को कोई हानि नहीं होती है। हालांकि इस दौरान साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। ---


टीबी लाइलाज नहीं, समय पर इलाज जरूरी
डा. श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि अब टीबी लाइलाज नहीं है कितु समय पर जांच और संक्रमण की शिकायत आने पर तुरंत इलाज कराना जरूरी है। इसलिए लक्षण महसूस होने पर तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों में जांच कराना चाहिए। चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में टीबी जांच से लेकर समुचित इलाज तक नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। ---
एमडीआर टीबी हो सकता है गंभीर
एमडीआर टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यत: एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन उचित इलाज व दवाओं के सेवन से टीबी बीमारी को मात को मात दी जा सकती है। लोग पूरी तरह स्वस्थ होकर सामान्य जिदगी भी जी सकते हैं।

अन्य समाचार