सघन दस्त पखवाड़ा में बच्चों को सिखाए गए हाथ धुलाई के तकनीक

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से जिले में 15 जुलाई से 13 अगस्त तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को बैरागीझारी मध्य विद्यालय में स्कूली बच्चों को दस्त से मुक्ति के लिए हाथ की धुलाई करना सिखाया गया। यह बातें सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने कही।

उन्होंने कहा कि नियमित हाथ की धुलाई स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है। नियमित रुप से हाथ की धुलाई करते रहने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। हर व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति इन छोटी-छोटी बातों के प्रति सजग होने की जरूरत है। सघन दस्त पखवाड़ा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे अभियान की सतत निगरानी एवं अनुश्रवण वरीय अधिकारी कर रहे हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जा रहा है।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेंद्र कुमार ने कहा कि बचपन में स्कूल में सिखाया जाना आवश्यक है कि खाना खाने के पहले हाथ धोना चाहिए। इससे धीरे-धीरे यह अच्छी आदतों में शामिल हो जाएगा। समाज के कई लोग आज भी इनके प्रति जागरूक नहीं हैं। हाथ धुलाई कार्यक्रम का उद्देश्य इसी जागरूकता को समाज तक पहुंचाना है। सरकारी स्कूलों एवं कार्यालयों में हाथ धोने से होने वाले लाभ और नहीं धोने से होने वाले नुकसान को बताना चाहिए। ओआएस देने पर भी दस्त न रूके तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं जिक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराना चाहिए। हालांकि दस्त बंद हो जाने के बावजूद जिक की खुराक दो माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाए। जिक और ओआरएस के उपयोग के बावजूद दस्त ठीक नहीं हो रहा है तो जल्द ही अपने बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाए। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी नौनिहालों की आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार एवं भोजन जारी रखना चाहिए। खाना बनाने एवं खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल व मूत्र की सफाई करने के बाद साबुन या हैंड सेनिटाइजर से रगड़-रगड़ कर हाथ धोना चाहिए। इससे शरीर के अंदर किसी भी तरह की बैक्टेरिया प्रवेश नहीं कर पाएगा।

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