यूरिया के लिए बिस्कोमान के सामने आधी रात से ही लगती है कतार

यूरिया के लिए बिस्कोमान के सामने आधी रात से ही लगती है कतार

जागरण संवाददाता, शेखपुरा : अल्पवृष्टि की वजह से जिले में धान की रोपनी का काम काफी धीमा है। इसके बावजूद किसानों के बीच यूरिया के लिए मारा-मारी की स्थिति है। खुले बाजार में लाइसेंसी दुकानों में लगभग सौ रुपये अधिक कीमत पर यूरिया बेची जा रही है। इस कालाबाजारी से बचने के लिए किसान बिस्कोमान के बिक्री केंद्र पर भूखे-प्यासे आधी रात से लाइन लगाए खड़ा रहते हैं। हाल यह है कि दूर-दराज के गांवों से किसान तड़के 3 बजे ही शेखपुरा के दल्लु चौक स्थित बिस्कोमान के बिक्री केंद्र पर आ जाते हैं, ताकि सुबह 10 बजे काउंटर खुलने पर उन्हें यूरिया मिल सके। जो किसान बहुत देर तक कतार में खड़े नहीं हो सकते हैं वह अपने जूता-चप्पल और गमछा से लेकर ईंट तक रखकर अपनी जगह सुनिश्चित करते हैं। शुक्रवार को सुबह इस केंद्र ऐसा ही नजारा देखने को मिला। केंद्र खुलने तब 135 किसान अपने जूता-चप्पल, गमछा व ईंट रखकर लाइन लगाए हुए थे। डलहर गांव के किसान सुदामा प्रसाद ने बताया कि खुले बजार में 350 रुपये में यूरिया मिलती है और बिस्कोमान में 265 रुपये में। इसी कालाबाजारी से बचने के लिए हम जैसे किसान आधी रात से ही यहां लाइन लगाते हैं। कई महिला किसानों ने भी यही बात बताई। जिले में यूरिया का पर्याप्त भंडार : किसानों में इस अफरातफरी के बीच कृषि विभाग का दावा है जिले में यूरिया की कोई किल्लत नहीं है। आवश्यकता के अनुरूप यूरिया का पर्याप्त भंडार है। जिला कृषि पादधिकारी शिवदत्त सिन्हा ने बताया कि चालू खरीफ सीजन के लिए सितंबर महीने तक के लिए जिले को नौ हजार टन यूरिया का आवंटन मिला है। जुलाई तक के आवंटन में जिले को 106 प्रतिशत यूरिया मिल चुकी है। जिले में अभी 27 हजार बोरी यूरिया उपलब्ध है। कालाबाजारी रोकने के लिए विभाग लगातार जांच और छापेमारी चला रहा है।

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