जेल से छूटने के बाद राजनीति में आना चाहता था सुजीत

जेल से छूटने के बाद राजनीति में आना चाहता था सुजीत

जागरण टीम, औरंगाबाद : तेलहारा पंचायत के पूर्व मुखिया संजय कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह की हत्या एवं उनके भाई राजस्व कर्मचारी रणविजय सिंह उर्फ चुन्नु सिंह को गोली मारकर अंबा में दहशत फैलाकर अपराध की दुनिया में सुर्खियों में आये सुजीत मेहता का अंत शुक्रवार की शाम हो गया। सुजीत पर अपराध के आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। अंबा थाना क्षेत्र के दधपा बिगहा गांव निवासी सुजीत छह माह पहले पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से छूटा था। जेल में रहकर वर्ष 2016 में अपनी पत्नी सुमन देवी को जिला परिषद क्षेत्र संख्या-24 से जीत दिलाने वाला सुजीत का अपराध की दुनिया में बड़ा नाम था। उसके नाम से लोग दहशत में रहते थे। अंबा-नवीनगर रोड में बतरे नदी पुल के पास सुजीत की हुई हत्या के बाद से अंबा के इलाके दहशत व्याप्त है। 10 बजे रात को बंद होने वाला अंबा बाजार में शाम सात बजे सन्नाटा छा गया। बताया जाता है कि सुजीत जब जेल से छूटकर घर आया था एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें कई दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए थे। अपराध की दुनिया में हलचल मचाने वाले सुजीत का राजनीतिक दलों के कई नेताओं से गहरा संबंध था। बताया जाता है कि तेलहरा पंचायत मुखिया संजय सिंह उर्फ मुन्ना सिंह हत्याकांड में उसे न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा हुई थी। अंबा-देव रोड निवासी रणविजय उर्फ चुन्नु सिंह को गोली मारने में सात वर्ष की सजा हुई थी। सुजीत छह आपराधिक मामलों में आरोपित था। वैसे पुलिस सुजीत के खिलाफ दर्ज मामले को खोज रही है। जेल से छूटने के बाद सुजीत गांव में रह रहा था। शुक्रवार की शाम अंबा बाजार आया था कि पहले से घात लगाकर बैठे बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि हत्या के कारणों की तहकीकात की जा रही है। हत्या करने वालों की पहचान होने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी। सुजीत के स्वजनों ने अब तक प्राथमिकी के लिए आवेदन नहीं दिया है। घटना के बाद से पुलिस हर गतिविधि पर नजर रख रही है।

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