लचर स्वास्थ्य व्यवस्था का खामियाजा भुगत रहे मरीज

संवाद सहयोगी, निर्मली (सुपौल) : सरकार द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए बड़े पैमाने पर एएनएम-जीएनएम एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी, डाक्टरों की नियुक्ति अस्पतालों में की गई है। लेकिन प्रतिनियुक्त स्वास्थ्य कर्मी का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण निर्मली प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में देखा जा सकता है। प्रखंड क्षेत्र के कुनौली स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगभग डेढ़ माह से प्रसव सेवा ठप है। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुनौली में प्रसव कराने गई महिलाओं ने बताया कि अस्पताल में मात्र दो डाक्टर ही उपस्थित रहते हैं। एक भी एएनएम नहीं रहने के कारण महिलाओं का प्रसव नहीं हो पाता है। जबकि दर्जनभर एएनएम, जीएनएम और स्वास्थ्य कर्मी की प्रतिनियुक्ति निर्मली प्रखंड क्षेत्र में है। अब सवाल उठता है कि सारे एएनएम-जीएनएम कहां प्रतिनियुक्त हैं। अपनी सेवा कहां दे रही हैं। अस्पताल में मरीजों के स्वजनों ने जब अस्पताल में उपस्थित चिकित्सक से रोस्टर प्लान और ड्यूटी चार्ट देखने की मांग की तो चिकित्सक दिखाने से मना कर दिया। अनुमंडल अस्पताल के कुछ डाक्टरों का कहना है कि यहां की व्यवस्था ऐसी ही है। गार्ड के कमरे में यहां दर्जनों कर्मी बैठे रहते हैं लेकिन ड्यूटी पर सिर्फ दो से तीन ही मौजूद रहते हैं। उनकी हाजिरी बनी रहती है। कहा कि बेवजह कुछ लोग हास्पिटल में बैठे रहते है और मरीज का हाथ पकड़कर प्राइवेट हास्पिटल का सुझाव देते हुए खींच कर निजी क्लीनिक में ले जाते हैं। इस संबंध में जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. मनोज कुमार दिवाकर से बात करने की कोशिश की गई तो वे कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। इधर स्वास्थ्य प्रबंधक मुकेश कुमार से जब अस्पताल समस्या के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे अभी नए हैं। चार्ज भी नहीं लिए हैं। अस्पताल मैनेजमेंट को बेहतर किया जाएगा लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाएगी।


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