खड़े-खड़े सफर, यात्रियों की जेबों और सामानों पर उचक्कों की नजर

हैदर अली, मुंगेर : मुंगेर स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर सोमवार को यात्रियों की भीड़ है। घड़ी का कांटा 1.05 पर पहुंचने वाला है। बेगूसराय की ओर जाने वाली ट्रेन की उद्धघोषणा हुई। प्लेटफार्म पर बैठे यात्री भी खड़ा हो गए। ट्रेन आने की प्रतिक्षा करने लगे। 1.11 बजे ट्रेन संख्या 03454 पहुंच गई। ट्रेन खड़ी हुई कि सवार होने के लिए अफरा-तफरी मच गई। 1.18 बजे ट्रेन ने मुंगेर स्टेशन को छोड़ चुकी है। कोच के अंदर यात्रियों की बेतहाशा भीड़ है। ज्यादातर लोग खड़े-खड़े सफर कर रहे हैं। महिलाएं बैठने के लिए इधर-उधर सीट देख रहीं हैं। कहीं सीट नहीं मिला। मजूबरन कोने में कोच के फर्श पर बैठ गई। ट्रेन श्रीकृष्ण सेतु गुजर रही है। गेट और खिड़की से लोग गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखने लगे। कोच में खड़े यात्री अपने पर्स पर भी एक दो मिनट पर हाथ फेरते दिखे। दरअसल, इस ट्रेन में बराबर पाकेटमार की घटनाएं होती है। ऐसे में यात्री भी उचक्कों से बचते नजर आए। भीड़ में उचक्का भी सक्रिय है। मुंगेर स्टेशन के प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन के कोच तक सुरक्षा का इंतजाम नहीं दिखा। कहीं भी रेल पुलिस के जवानों पर नजर नहीं पड़ी।


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1.27 बजे सबदलपुर जंक्शन
1.27 बजे ट्रेन गंगा ब्रिज से निकलकर सबदलपुर जंक्शन पहुंच गई थी। कई यात्री यहां उतरे। उतरते ही पहले अपने पाकेट की जांच की। ट्रेन में दूध वाले और सब्जी बेचने वालों की भीड़ रही। बेगूसराय जा रही की मनोरमा देवी, शांति देवी और पूजा कुमारी ने कहा सभी हर दिन ट्रेन से सफर करती हूं। ट्रेन में शौचालय की सुविधा नहीं है। बेगूसराय से मुंगेर आने में एक घंटे का समय लगता है। लखमिनिया के सोहन लाल, महफुज आलम ने कहा ट्रेन में उचक्कों की नजर लोगो की कीमती सामान पर रहती है। बीते एक माह पूर्व एक यात्री का बैग उचक्को ने उड़ा लिया था। सुरक्षा के लिए जवान रहते तो घटना नहीं होती।
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चलती ट्रेन से बैग और मोबाइल उड़ा रहे हैं बदमाश
मुंगेर से खगड़िया और बेगूसराय के बीच चल रही ट्रेनों में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण उचक्कों की चांदी है। आए दिन उचक्के ट्रेन में सवार होते हैं। ट्रेन के स्टेशन पहुंचने से पहले यात्रियों का मोबाइल छीनकर फरार हो जाते हैं। इस तरह की शिकायतें इस रूट पर सफर करने वाले दैनिक यात्रियों बराबर मिल रही थी।
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नहीं बढ़े कोच, दोगुने से ज्यादा सफर करते हैं लोग
यात्रियों की संख्या बढ़ी तो राजस्व में भी इजाफा होने लगा, पर ट्रेन में कोचों की संख्या को नहीं बढ़ाया जा सका। इस रेल सेक्शन पर रोजाना यात्रा करने वाले यात्रियों की तादाद भी करीब दस गुना बढ़ गई है। रेल सेक्शन पर जब से परिचालन का शुभारंभ हुआ है तब से सात कोच की ट्रेन ही चल रही है। हर दिन एक ट्रेन में लगभग डेढ़ से दो हजार यात्रियों की भीड़ होती है। नतीजतन यात्री जान जोखिम में डाल खिड़की, दरवाजे पर लटक कर सफर करने को मजबूर हैं। ज्यादा भीड़ के कारण यात्रियों की जानें भी जा रही है। यात्री अब इस रूट पर मल्टीपल यूनिट यानी मेमू ट्रेन चलाने की मांग करने लगे हैं।
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केस स्टडी -1
ट्रेन में सफर कर रहे लखमिनिया मिरदहटोली के बसर हमीद ने बताया चार दिन पहले ही मुंगेर एक शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। शादी के बाद लखमिनिया पहुंचा तो बैगगायब था। बैग में कीमती कपड़े और नकदी भी था। उचक्कों
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केस स्टडी-2
बेगूसराय के पोखड़िया इलाके के मनोज कुमार सिंह ने बताया 25 जुलाई को मुंगेर से बेगूसराय लौट रहे थे। सबदलपुर से जैसे ही ट्रेन खुली उचक्कों ने हाथ से मोबाइल झटक लिया। उचक्के चलती ट्रेन से मोबाइल उड़ा रहे हैं।

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