कागजों तक सिमटी है वाटर हार्वेस्टिग योजना

संसू, नवहट्टा (सहरसा)। वर्षा जल संचय के तहत जिले में सरकारी भवनों के परिसर में हार्वेस्टिग की एक भी योजना पर काम नहीं हो सका है। सरकारी व निजी चापाकलों के पास सोख्ता का निर्माण लक्ष्य के अनुरूप नहीं कराया गया है। मनरेगा योजना से विभिन्न पंचायतों में 454 सोख्ता का निर्माण किया गया।

इसमें अधिकांश का निजी चापाकल पर ही निर्माण किया गया । प्रत्येक सोख्ता पर साढ़े 18 हजार का व्यय वित्तीय वर्ष 2020 = 21 में किया गया। जबकि अब इसके निर्माण पर साढ़े 12 हजार का प्राक्कलन तैयार किया जाता है। जिसके कारण निर्माण की गति धीमी पड़ी हुई है। सरकारी भवनों के परिसर से लेकर चापाकलों के पास भी सोख्ता नहीं बना । प्रखंड कार्यालय अंचल कार्यालय सीडीपीओ कार्यालय से लेकर पीएचइडी, जल संसाधन, कृषि विभाग कार्यालय जैसे सरकारी कार्यालयों में भी वाटर हार्वेस्टिग का काम नहीं कराया गया है।

प्रखंड में पीएचइडी के करीब पांच सौ चापाकल है। इसके अलावा अन्य विभागों से भी लगवाए गए सरकारी चापाकल हैं परंतु एक भी चापाकल पर जल संचय के तहत सोख्ता का निर्माण नहीं कराया गया है। बताया गया कि इस योजना के तहत कार्य करने का उद्देश्य है कि वर्षा का जल या चापाकलों से निकलने वाला जल का संचय किया जाए जिससे जल का स्तर को नीचे जाने से रोका जाए। इसी कारण राज्य सरकार ने अब पीसीसी कार्य पर रोक लगा दी है। पेवर ब्लाक का कार्य कराया जा रहा है।
पीएचईडी के कनीय अभियंता जकी अहमद ने बताया कि अबतक उनके विभाग के द्वारा सरकारी चापाकल पर सोख्ता का निर्माण नहीं कराया गया है। पूर्व में गाड़े गए चापाकलों पर सोखता निर्माण कराने की विभाग की कोई योजना भी नहीं थी। कोट बाढ़ अवधि खत्म होने के बाद पंचायतों में सोख्ता निर्माण कार्य में तेजी लाई जाएगी । मो जियाउद्दीन , पीओ , नवहट्टा

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