याद करो बलिदान: क्रांतिकारी कमलानंद विश्वास के पराक्रम से हिल गई थी अंग्रेजी हुकूमत



दीपक गुप्ता: संसू सिकटी, (अररिया)--स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र के रणबाकुरे के अमूल्य योगदान को भुलाया नही जा सकता। स्वतंत्रता प्राप्ति के 74 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस मिट्टी में स्थानीय क्रांतिकारियों की खुशबू आज भी विधमान है। राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी हो या 15 अगस्त इन क्रांतिकारियों की याद स्वत: ताजा हो उठती है। आज पूरा भारतवर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति में यहां के क्रांतिकारियों में बाबू वसंत सिंह, विश्वनाथ गुप्ता, गोधूलि हजाम, सीताराम गुप्ता, अनंत लाल झा, कुशेश्वर पासवान, रामाश्रय हलुवाई, रामचन्द्र गुप्ता आदि स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। जांबाज क्रांतिकारी कमलानंद विश्वास ने भी अहम भूमिका निभाई थी। क्रांतिकारी कमलानंद विश्वास मात्र 19 वर्ष की आयु में 26 जनवरी 1932 को हाथों में तिरंगा थामे अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ा था। क्रांतिकारी वीर सपूत कमलानंद विश्वास का जन्म कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र के बखरी फुलवारी गांव में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। वे शुरू से ही महात्मा गांधी और डा राजेंद्र प्रसाद को अपना आदर्श मानते थे। 1932 में पूर्णिया में जब सत्याग्रह के समय भोला पासवान शास्त्री पर अंग्रेजों द्वारा लाठियां बरसाई जा रही थी तो उस आंदोलन में वे भी सक्रिए रहे। वही भारत छोड़ो आंदोलन के समय 23 अगस्त 1942 को विश्वास अन्य क्रांतिकारियों के साथ 1828 का बना कुआड़ी ओपी पहुंच थाने के आवश्यक कागजात को आग के हवाले कर दिया और जेल में बंद अपने साथियों को छुड़ाया। इस दौरान उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कुआड़ी थाने की छत पर तिरंगा झंडा फहराने का ऐतिहासक कार्य किया।
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----कई तरह की दी गई यातनाएं--अररिया हवालात में इस क्रांतिकारी ने 9 माह दो दिन कैद में रहे। पूर्णिया जेल में पांच माह एक दिन, पटना जेल में पांच माह बाईस दिन तथा भागलपुर जेल में तीन वर्ष सात माह बीस दिन का समय गुजारना पड़ा। माध्यम परिवार में जन्मे कमलानंद विश्वास 80 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।
-----इंदिरा गांधी ने दिया था तामपत्र--स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आजादी की 25वीं वर्षगांठ पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त 1972 को क्रांतिकारी कमलानंद विश्वास को तामपत्र देकर सम्मानित किया था। जानकारी देते भाजपा युवा नेता अजीत झा ने बताया कि कमलानंद विश्वास का एकमात्र पौत्र अनंत विश्वास के परिवार की माली हालत ठीक नहीं है। जैसे-तैसे मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण होता है।

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