बिना निबंधन के धड़ल्ले से हो रहा कोचिग का संचालन

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- 24 जून 2016 को शिक्षा विभाग ने लिया था निबंधित कोचिग का जायजा
- 102 कोचिग संस्थान विभाग के अनुसार जिले में हैं संचालित
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- जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने निबंधन के लिए नहीं की पहल
संवाद सहयोगी, जमुई : जिले में नियमों को ताक पर रखकर बिना निबंधन के धड़ल्ले से निजी कोचिग संचालकों द्वारा कोचिग का संचालन किया जा रहा है। इन कोचिग संचालकों के पास बच्चों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था तो नहीं है। इसके अलावा पेयजल, शौचालय, अग्निशमन यंत्र, आकस्मिक चिकित्सा सुविधा सहित अन्य की व्यवस्था नहीं है। नतीजतन छात्र-छात्राओं को कठिनाई होती है। कहने को तो शिक्षा विभाग के पास पूरे जिले में संचालित होने वाले लगभग 102 कोचिग संस्थान की सूची उपलब्ध है, लेकिन इससे इतर जिले में कई कोचिग का संचालन हो रहा है, जिसका विभाग के पास लेखा-जोखा नहीं है। जिले में संचालित एक भी कोचिग न तो मैनुअल को पूरा करता है और न ही निबंधित है।
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निबंधन के लिए प्रविधान
राज्य सरकार के निर्देशानुसार निबंधन के लिए कोचिग संस्थान के पास समुचित बेंच-डेस्क, पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय और स्वच्छता की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा अग्निशमन और आकस्मिक चिकित्सा सुविधा भी होनी चाहिए। साथ ही वाहन पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। निबंधन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इसमें पुलिस अधीक्षक और किसी अंगीभूत कालेज के प्राचार्य को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को सदस्य सचिव के रूप में नामित किया गया है। निबंधन कराने के लिए कोचिग संस्थान के संचालक को आवेदन के साथ शुल्क के तौर पर तीन हजार रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया है।
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विभागीय आंकड़ों में कोचिग संस्थान की प्रखंडवार संख्या
प्रखंड का नाम ----संख्या जमुई---------- 24
झाझा------- 14
बरहट------ 10
लक्ष्मीपुर----10
सोनो--------08
चकाई-------08
सिकन्दरा----16
खैरा--------02
गिद्धौर-------03
अलीगंज---07
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कोट
जल्द ही शिक्षा विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से इस दिशा में समुचित कदम उठाया जाएगा। इसके लिए एक टीम का भी गठन किया जा रहा है।
कपिलदेव तिवारी, डीईओ, जमुई

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