फर्जी चिकित्सा संस्थानों को सील कर संचालकों पर होगी कार्रवाई

- प्रमंडलीय आयुक्त ने जिलाधिकारी दिए सख्त निर्देश

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में विभागीय नियमों के विरुद्ध संचालित चिकित्सा संस्थानों पर नकेल कसने वाला है। विभागीय नियमों को ताक पर रख कर फर्जी तरीके से संचालित निजी नर्सिंग होम, क्लिनिक, डायगोनेस्टिक सेंटर और जांच घर को प्रशासनिक तौर पर सील किया जाएगा। साथ ही संस्थान के संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई भी किए जाएंगे। इसे लेकर प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ ने किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार के जिलाधिकारी को पत्र जारी कर इस मामले में सख्त निर्देश दिए हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने इस संबंध में पत्र जारी कर कहा कि फर्जी चिकित्सा संस्थानों से संबंधित शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही है। लिहाजा सख्त प्रशासनिक कदम उठाने जाने की जरूरत है। बिहार क्लिनिकल एस्टेबल्शिमेंट एक्ट 2010 और 2022 के तहत गैर पंजीकृत कई नर्सिंग होम, क्लिनिक व जांच घर संचालित होने की शिकायत प्राप्त है। ऐसी शिकायतें मिली हैं कि फर्जी रूप से संचालित इन नर्सिंग होम व निजी क्लिनिक में एमबीबीएस की जगह पारामेडिकल स्टाफ के द्वारा लोगों का न सिर्फ इलाज किया जा रहा है। बल्कि जटिल रोगों का आपरेशन भी किए जाने की शिकायत है। प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा भी नियमों को ताक पर रख कर संचालित नर्सिंग होम व अन्य चिकित्सा संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश प्राप्त होता रहा है। लेकिन संबंधित सिविल सर्जन व चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा मामले में उचित कार्रवाई प्रभावी साबित नहीं हो पाया है। इसका गंभीर खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लिहाजा मामले में कड़े कदम उठाने की जरूरत है। प्रमंडलीय आयुक्त ने संबंधित सिविल सर्जन व संबंधित प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी को क्षेत्र में संचालित अवैध चिकित्सा संस्थानों की सूची तैयार करने को कहा है। इसके बाद संस्थान के संचालक को इसे बंद करने के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। ऐसा नहीं करने पर सूची के आधार पर संबंधित प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी क्षेत्र में संचालित फर्जी संस्थानों के संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराएंगे। साथ ही इसे सील करने को लेकर जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित कराएंगे। संबंधित क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ऐसे संस्थानों को सील किए जाने को लेकर संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी व थानाध्यक्ष के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए जारी आदेश का सख्ती पूर्वक अनुपालन करेंगे।

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