आज रात 12 बजे होगा भगवान श्रीकृष्ण का जन्म

आज रात 12 बजे होगा भगवान श्रीकृष्ण का जन्म

संवाद सहयोगी, तेघड़ा (बेगूसराय) : तेघड़ा में ऐतिहासिक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मेले की तैयारी अंतिम चरण में है। शुक्रवार की रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होगा। तेघड़ा का ऐतिहासिक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मेला इस साल 95 वर्ष का गौरवमयी इतिहास बनाएगा। मेला 1928 में एक पंडाल से शुरू होकर सात किलोमीटर मेला क्षेत्र में 15 पंडाल तक इसका विस्तार हो गया है। तेघड़ा में होने वाला कृष्ण जन्मोत्सव मेला बिहार का सबसे बड़ा जन्माष्टमी मेला है। विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण मेला का आयोजन नहीं हो पाया था। तेघड़ा बाजार एवं इसके आसपास के गांव का माहौल भक्तिमय हो गया है। मेला समिति के संयोजक अरुण कुमार साहू ने बताया कि 1927 में आई भयंकर महामारी प्लेग तेघड़ा एवं आसपास के गांव में फैल गई थी। इसमें काफी लोग मारे गए थे। महामारी दिनों दिन विकराल रूप धारण करता गया। इससे तेघड़ावासी बाजार छोड़कर गांव की ओर पलायन करने लगे। कुछ लोग जिला से बाहर पलायन कर गए। प्लेग से बचने के लिए तेघड़ा के लोगों ने कई यज्ञ एवं अनुष्ठान किए, फिर भी कोई निदान नहीं निकला।

चैतन्य महाप्रभु की कीर्तन मंडली ने दी थी सलाह :
1927 में भारत भ्रमण के दौरान चैतन्य महाप्रभु की कीर्तन मंडली तेघड़ा पहुंची थी। रात्रि विश्राम के दौरान यहां के लोगों ने महामारी से उन्हें अवगत कराया था। स्थिति देखकर उन्होंने श्रीकृष्ण भगवान का जन्मोत्सव मनाने की सलाह दी थी। 1928 में पहली बार मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव चैतन्य महाप्रभु की कीर्तन मंडली की सलाह पर सर्वप्रथम 1928 में स्टेशन रोड में स्व. बंसी पोद्दार, विशेश्वर लाल एवं लखन साह के नेतृत्व में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान की महिमा भी अपार थी। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मेले के आयोजन के बाद तेघड़ा में लोगों को फ्लेग से निजात मिली। 1929 में स्व. सूर्यनारायण पोद्दार, नोनू पोद्दार, हरिलाल सहित अन्य के नेतृत्व में मेन रोड में मुख्य मंडप में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। यह सिलसिला करीब तीन दशकों चला।
वक्त के साथ बढ़ता गया मेले का आकार :
समय के साथ तेघड़ा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मेला में मंडलों की संख्या भी बढ़ती गई। स्व. लख्खी साहू, स्व. रामेश्वर साहू, हरिलाल मखारिया के नेतृत्व में पूर्वी क्षेत्र में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाने लगा। 1932 में डा. कृष्ण नारायण पोद्दार, कारीलाल साह सहित अन्य के नेतृत्व में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इसके पूर्व 1980 में चैती दुर्गा स्थान, 1990 के दशक में प्रखंड कार्यालय परिसर में भी मनाया जाने लगा। 2000 के दशक में यह मेला स्टेशन रोड से आगे बढ़ता हुआ ब्लाक कार्यालय की तरफ भी फैल गया। धीरे-धीरे तेघड़ा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मेला विराट रूप धारण करने लगा। मेले में झूला और थिएटर का भी आयोजन होने लगा। वर्तमान में यह सात किलोमीटर मेला परिक्षेत्र में 15 मंडलों में मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस बार मेले में मनोरंजन की भरपूर व्यवस्था है। मेले को भव्य स्वरूप देने की तैयारी अब अंतिम दौर में पहुंच गई है। सभी 15 पंडालों के मेला समिति की बैठक में मेला को भव्य स्वरूप देने का निर्णय लिया गया। कारीगर दिन रात एक कर पंडाल निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। खासकर जय हनुमान कृष्ण जन्मोत्सव मेला समिति निबंधन कार्यालय के सचिव अजय कुमार सिंह, अध्यक्ष सुकुमार सिंह उर्फ गोपाल, उपाध्यक्ष खखोरन सिंह ने बताया कि इस बार मंडप तैयार करने के लिए पश्चिम बंगाल के कलाकारों को बुलाया गया है। नवीन मेला समिति के अध्यक्ष मनोज सिंह, सचिव अनुज सिंह, सह सचिव श्याम किशोर छोटे एवं व्यवस्थापक एतवारी सिंह ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 19 अगस्त को होगा और मेला का आयोजन 20 से 23 अगस्त तक होगा। 24 अगस्त को विसर्जन किया जाएगा।

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