17 दिनों से नहीं हो रही है वर्षा, सूख रही धान और मक्के की फसल

17 दिनों से नहीं हो रही है वर्षा, सूख रही धान और मक्के की फसल

संवाद सहयोगी, छौड़ाही (बेगूसराय) : अब तो बरस पड़िए इंद्रदेव, धान की फसल सूखती जा रही है। बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी, बेटी का विवाह भी करना है। छौड़ाही प्रखंड क्षेत्र के भोजा गांव में अपनी खेत में सूख रही धान फसल को देख हताश निराश किसान रामसोगारथ भगवान इंद्रदेव से वर्षा होने की गुहार लगा रहे हैं। किसान हताश इसलिए भी हैं कि विगत 17 दिनों से वर्षा नहीं हो रही है। जबकि इस समय सर्वाधिक पानी की जरूरत धान की फसल को होती है। मानसून अगस्त के पहले सप्ताह से ही में रूठा हुआ है। एक अगस्त के बाद से जिले में वर्षा नहीं हो रही है। जिस कारण आच्छादन 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं पहुंच पाया है, जबकि अगस्त माह में कम से कम 200 एमएम वर्षा खरीफ फसल के लिए बहुत जरूरी है।

दूसरी तरफ अधिकतम और न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस चढ़ गया है। लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल हैं। तमाम सरकारी नलकूप खराब हैं। दो सौ रुपये प्रतिघंटे की दर से महंगे दर पर किसान पटवन नहीं करवा पा रहे हैं। इससे फसलें मुरझा रही है।
नहीं हो रही वर्षा : वर्षा मापक केंद्र छौड़ाही के प्रभारी पदाधिकारी सुनील कुमार मेहता बताते हैं कि अगस्त में खड़ी फसल के लिए सबसे ज्यादा वर्षा के पानी की जरूरत होती है, परंतु एक अगस्त के बाद से वर्षा नहीं हो रही है। अगस्त की 17 तारीख तक में वर्षा की स्थिति यह है कि जिले के 18 में से 13 प्रखंड में मापने लायक वर्षा दर्ज नहीं हो सकी। पांच प्रखंड क्षेत्र में वर्षा एक अगस्त को हुई, जो अब खेतों में नजर नहीं आ रही है।
अगस्त में निम्नलिखित प्रखंड क्षेत्र में हुई कुल वर्षा
प्रखंड वर्षापात
छौड़ाही 18.06
खोदावंपुर 32.00
डंडारी 58.00
नावकोठी 35.00
तेघडा 32.00
नोट : अगस्त माह में सिर्फ एक अगस्त को ही एक दिन जिले के पांच प्रखंड में वर्षा दर्ज की गई है। अन्य प्रखंड क्षेत्र इस महीने में एक एमएम भी वर्षा दर्ज नहीं हो सकी है।
किसानों के लिए समसामयिक सुझाव : कृषि विज्ञानी डा. रामकृपालु सिंह बताते हैं कि धान की फसल जो 25 दिन की हो गई हो तो प्रति हेक्टेयर 30 किलोग्राम नेत्रजन का प्रयोग करें। आगत बोआई की गई धान की फसल में तना छेदक कीट की निगरानी करें। किसान 25 अगस्त के बाद अरहर की बोआई कर सकते हैं। बोआई के समय प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम स्फुर, 20 किलोग्राम पोटाश तथा 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें। अरहर की पूसा-09 तथा शरद प्रभेद अनुशंसित है। बोआई के 24 घंटे पूर्व 2.5 ग्राम थीरम दवा से प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। बुआई के ठीक पहले उपचारित बीज को उचित राइजोबियम कल्चर से उपचारित कर बुआई करनी चाहिए।
मौसम अलर्ट : डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा द्वारा आगामी 21 अगस्त तक का मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। पूर्वानुमान की अवधि में आसमान में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। आमतौर पर मौसम के शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान पहले पछुया फिर पुरवा हवा चलने की संभावना व्यक्त की गई है।

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