कृषि मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से की सुखाड़ की समीक्षा

जागरण संवाददाता, खगड़िया। संभावित सुखाड़ को लेकर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। उन्होंने संभावित सुखाड़ एवं उससे उत्पन्न होने वाली स्थितियों से निपटने को लेकर जानकारी लेने के साथ कृषि योजना आदि पर विस्तार से चर्चा करते हुए कई आवश्यक निर्देश दिए। वीडियो कांफ्रेंसिग में डीएम आलोक रंजन घोष के साथ जिला कृषि पदाधिकारी शैलेश कुमार सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। राज्य स्तर पर कृषि विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार सहित अन्य अधिकारी भी शामिल थे। बैठक में सचिव, कृषि विभाग ने जानकारी दी कि बिहार में जून से अभी तक 41 प्रतिशत कम वर्षापात हुआ है। किशनगंज, अररिया एवं सुपौल सहित मात्र तीन जिलों में ही सामान्य वर्षापात हुआ है। आने वाले दिनों में भी अधिक वर्षा होने की संभावना नहीं है। दक्षिण बिहार के जिलों में फसल आच्छादन की स्थिति तुलनात्मक रूप से खराब है। नहर तंत्र वाले जिलों में फसल आच्छादन की वृद्धि की थोड़ी बहुत संभावना है। सिचाई के लिए डीजल पंप सेट के प्रयोग को लेकर सरकार डीजल अनुदान दे रही है। इस मौके पर डीएम ने खगड़िया में वर्षापात की वर्तमान स्थिति, खरीफ फसलों की आच्छादन की स्थिति, धान की रोपनी, डीजल अनुदान वितरण, उर्वरकों की उपलब्धता, राजकीय नलकूपों की स्थिति, कृषि फीडरों से बिजली की आपूर्ति, वैकल्पिक फसल सूत्रण को लेकर तैयारियां आदि के बारे में कृषि मंत्री को विस्तार से जानकारी दी।

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खरीफ फसल का आच्छादन हुआ प्रभावित
डीएम ने बताया कि मानसून काल में जून और जुलाई माह को मिलाकर जिले में वर्षापात में 52 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। जून माह में 21 प्रतिशत, जबकि जुलाई माह में 70 प्रतिशत कम वर्षा हुई। अगस्त माह में भी काफी कम वर्षा हुई है। बारिश की कमी के कारण खरीफ फसल आच्छादन प्रभावित हुआ है। जिले में धान का 86 प्रतिशत आच्छादन हुआ है। मक्के की बुआई लक्ष्य के विरुद्ध 71 प्रतिशत रकबे में हुई है। मक्के के रकबे में आगे सुधार की गुंजाइश नहीं है। वर्षा के अभाव में धान के खेत में दरार दिख रहे हैं। कृषि फीडर से ग्रामीण क्षेत्रों में सिचाई हेतु बिजली की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। उर्वरक की भी कमी नहीं है। डीजल अनुदान से संबंधित आवेदनों का भौतिक सत्यापन कराते हुए निस्तारण कराया जा रहा है। आवेदनों के निस्तारण में लाएं तेजी
बैठक में सचिव ने आकस्मिक फसल योजना के तहत निशुल्क बीज वितरण, डीजल अनुदान योजना में आवेदनों के निस्तारण में तेजी लाने के साथ अधिकारियों को प्रचार प्रसार एवं रेडियो जिगल के माध्यम से कृषि से संबंधित योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने कृषि समन्वयक एवं जिला कृषि पदाधिकारी स्तर पर लंबित डीजल आवेदनों को अविलंब स्वीकृत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसान प्रत्येक पटवन के लिए अलग-अलग डीजल अनुदान संबंधी आवेदन दे सकते हैं। कृषि मंत्री ने डीजल अनुदान की राशि का भुगतान जल्द करने का निर्देश दिया गया। किसान निजी बोरवेल अथवा नहर, पोखर से पंप सेट के माध्यम से खेतों में पानी पहुंचाने के लिए डीजल के प्रयोग के संबंध में भी डीजल अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। केवल यह देखा जाना जरूरी है कि सिचाई एवं पटवन के लिए ही डीजल का प्रयोग हो रहा है।
इंसेट
12 तरह के फसलों की बीज कराई जा रही है उपलब्ध
खगड़िया: आकस्मिक फसल योजना के बारे में जानकारी दी गई कि 12 तरह की फसलों की बीज की उपलब्धता मांग के आधार पर जिलों को कराई जा रही है। सभी डीएम समीक्षा कर लेंगे कि उनके जिले में कौन से फसल की बीज चाहिए और कितना रकबा अनाच्छादित रह गया है। केवल उतने ही बीज की मांग की जाए, जिसका प्रयोग अनाच्छादित रकबे को आच्छादित करने में किया जा सके। 18 घंटे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति
डीएम को सिचाई की अच्छी व्यवस्था करने को लेकर कृषि फीडर से बिजली के 18 घंटे तक निर्बाध आपूर्ति, नहरों में सिचाई के लिए निचले छोर तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने, डीजल अनुदान योजना में प्राप्त आवेदनों का निस्तारण, आकस्मिक फसल योजना के तहत अनाच्छादित खेतों को आच्छादित करने के लिए किसानों के बीच निशुल्क बीज वितरण, उर्वरकों का सही वितरण एवं जले हुए ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदलने के संबंध में कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया।

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