बारुण बांध पर है खतरनाक स्थिति

निर्भय, खगड़िया : बढ़ती हुई कोसी विभाग के लिए चुनौती थी और अब घटती हुई नदी ने बाढ़ नियंत्रण विभाग की नींद उड़ा दी है। कोसी नदी पर बने चोढ़ली जमींदारी बांध का 12-13 किलोमीटर बारुण स्थल आज भीषण कटाव की जद में है। यहां बांध को बचाना मुश्किल है। विभाग ने भी माना है कि अलार्मिंग सिचुएशन है। नदी और बांध की दूरी मात्र 37 मीटर बची है

कोसी के जलस्तर में कमी आने के बाद बारुण बांध के पास लगभग छह-सात सौ मीटर में कटाव बहुत ही तीव्र हो उठा है। अब नदी और बांध के बीच की दूरी मात्र 37 मीटर है। गुरुवार को यह दूरी 42 मीटर थी। कहने का मतलब 24 घंटे में पांच मीटर की दूरी कम हो गई। यह दूरी एक जुलाई को 89 मीटर थी। जो घटकर एक अगस्त को 75 मीटर रह गई और अब 37 मीटर है। विभाग के कनीय अधिकारी भी दबे स्वर में कहते हैं- कोसी जिस रफ्तार से कटाव कर रही है वैसे में बारुण बांध को बचाना अब मुश्किल लग रहा है। कोसी का किनारा बालू से भरा हुआ है। जिसे काटने में अधिक समय नहीं लगेगा। नदी की प्रवृति भी बांध की ओर सिफ्टिग की है। नदी बायीं ओर सिफ्ट हो रही है। यह अधिक खतरनाक मामला बनता जा रहा है। हालांकि धारा परिवर्तन का मामला यहां अब तक नहीं है। देर शाम अधिकारियों की टीम पहुंची बारुण, लिया जायजा
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कटाव की भयावहता को देखते हुए गुरुवार की देर शाम फ्लड फाइटिग फोर्स, खगड़िया, बेगूसराय के अध्यक्ष मोद नारायण चौधरी, बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगड़िया के अधीक्षण अभियंता अख्तर जमील और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता गणेश प्रसाद सिंह ने बारुण स्थल का जायजा लिया। गंभीर विचार-विमर्श के बाद यहां अप स्ट्रीम में आठ और नौ नंबर खुट्टा के पास डिफलेक्टर बनाने का निर्देश दिया गया। पांच इनवैडवार बनकर तैयार है।
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कोसी बढ़ती हुई 90 डिग्री के कोण पर बांध की ओर आ रही है। कटाव डीप है। अलार्मिंग सिचुएशन है। फ्लड फाइटिग कार्य जारी है। बांध को बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
अख्तर जमील, अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगड़िया।

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