जिले में फाइलेरिया के हैं 919 मरीज

जागरण संवाददाता, खगड़िया: खगड़िया जिले में नदियों के जाल के साथ जलजमाव की गंभीर समस्या है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में भी जलजमाव की समस्या रहती है। जिस कारण जिले में मच्छरों का भी काफी प्रभाव रहता है। रात में कौन कहे दिन में भी मच्छर चैन से नहीं रहने देते हैं। मच्छर से बचाव को लेकर लोग मच्छरदानी या विभिन्न मास्किटो क्वायल और लिक्विड का इस्तेमाल करते हैं। मच्छरों के प्रकोप के कारण जिले में विभिन्न रोगों का भी प्रकोप रहता है। जिले में मलेरिया, फाइलेरिया का प्रकोप रहा है। हालांकि इसके उन्मूलन को लेकर विभागीय स्तर पर प्रयास अब भी जारी है। परंतु मच्छरों की रोकथाम को लेकर शहर व ग्रामीण क्षेत्र में समुचित उपाय नहीं किए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में मच्छरों की रोकथाम नगर परिषद या नगर पंचायत को करना है और ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह प्रयास किया जाना है। इस ओर नगर प्रशासन विशेष ध्यान नहीं देता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग मलेरिया, फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्र में ही रोकथाम को लेकर अभियान चलाती है। जाने जिले में मलेरिया और फाइलेरिया की स्थिति

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जिले में वर्तमान में मलेरिया के एक्टिव मरीज नहीं हैं। विभागीय अधिकारी के अनुसार जिले में केवल परबत्ता प्रखंड में बीच- बीच में मलेरिया के मरीज डिटेक्ट होते रहे हैं। अन्य जगहों से मलेरिया की शिकायत नहीं मिल रही है। जबकि जिले के विभिन्न प्रखंडों में फाइलेरिया की शिकायत रहती है। वर्तमान में जिले में फाइलेरिया के 919 मरीज हैं। जिसमें पांच सौ मरीज ऐसे हैं जो दिव्यांगता की स्थिति में है। मतलब अति पीड़ित हैं। जिनकी स्वास्थ्य की देखभाल की जाती है। गत वर्ष अभियान चला उन्हें किट भी वितरण किया गया है। क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है फाइलेरिया
डीएमओ विजय कुमार के अनुसार फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर का प्रसार गंदे पानी से होता है। जहां इसका प्रजनन होता है। मच्छर से बचाव कर फाइलेरिया से बचा जा सकता है। इसके लिए मच्छर से बचाव के साथ प्रयास करें, कि, आसपास गंदगी व जल जमाव न रहे। विभागीय स्तर पर इसकी रोकथाम को लेकर अभियान चलाया जाता रहा है। नवंबर माह में इसे लेकर अभियान चलाए जाने की संभावना है।

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