भूमि विवाद का हल करने के लिए नए सिरे से होगी पहल : आलोक

भूमि विवाद का हल करने के लिए नए सिरे से होगी पहल : आलोक

समस्तीपुर । भूमि सुधार बिहार की मूल समस्याओं में एक है। लगभग 60 प्रतिशत हिंसक अपराधों की जड़ें भूमि विवादों में है। इसके कारण लोगों में ईश्या, द्वेष और टकराव की स्थिति बन रही है। राज्य में भूमि विवाद संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए नए सिरे से पहल किया जाएगा। उक्त बातें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के नवनियुक्त मंत्री आलोक मेहता ने कही। वे शुक्रवार को परिसदन में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। कहा कि बिहार में एरियल सर्वे का काम चल रहा है। भारत सरकार ने मापी का स्टेंडर्ड तय किया है, उसी आधार पर भूमि का सर्वे कराया जा रहा है। वर्ष 2024 के मार्च तक डिजिटल एयर सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। सर्वे का काम पूरा होते ही पुराने नक्शे और नए नक्शे के हिसाब से अद्यतन स्थिति स्पष्ट किया जाएगा। इससे मुख्य समस्याओं का निराकरण होगा। नए नक्शे को सरकार की बेबसाइड और पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जो भी व्यक्ति अपने मकान या जमीन का नक्शा लेना चाहेगा, कंप्यूटर पर एक बटन क्लिक कर नक्शे को निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास बासगीत पर्चा होने के बाद भी जमीन से बेदखल कर दिया गया है, उन्हें फिर से जमीन पर कब्जा दिलाया जायेगा। भूदान के जमीन की भी पहचान की जायेगी। जमीनी दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन होने से जमीन विवाद के मामलों में काफी कमी आयेगी। बिहार में जमीन से जुड़े सुधार बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने पर खासतौर से फोकस किया जा रहा है। रसीद कटाने जैसी कई गतिविधियां ऑनलाइन हो गयी हैं। परंतु अभी भी दाखिल-खारिज समेत अन्य कई कार्यों में शिकायतों को दूर करते हुए न्याय दिलाने पर जोर दिया जायेगा। जल्द ही राज्य में ई-मापी की सुविधा शुरू होगी। इसमें रैयत को मापी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्व से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए शनिवार को प्रत्येेक थानों में शिविर लगाया जा रहा है। इसमें जो कमियां है, उसे तत्काल दूर किया जाएगा। शिकायतकर्ताओं से अच्छा व्यवहार हो, उनकी समस्याएं सुनी जाए, कानून परक कार्य हो, इसके लिए पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जो पदाधिकारी निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, उनपर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर बड़ी संख्या में लोग भूमिहीन हैं। जिन लोगों को बासगीत पर्चा मिला है और दखल कब्जा नहीं मिला है, उनको दिलाने का प्रयास होगा। राज्य में कितने भूमिहीन परिवार हैं, इसकी सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। मंत्री ने कहा कि सरकार की जमीन को जिन लोगों ने अवैध ढंग से कब्जा कर रखा है, उसे हटाने की अपील की। कहा कि बाद में कानूनी कार्रवाई करते हुए जमीन खाली कराई जाएगी। मठ-मंदिरों की जमीन पर भी अवैध कब्जे पर कार्रवाई की जाएगी। गैर मजरुआ खास पर भी समीक्षा की जाएगी। दाखिल- खारिज के लिए आनलाइन व्यवस्था की जा रही है। कोई भी व्यक्ति अपने कंपयूटर या सुविधा सेंटर पर जाकर खुद दाखिल खारिज कर सकता है। इसके लिए पहल की गई है। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार में दो हजार से अधिक पद रिक्त हैं। जल्द ही रिक्त पदों को भरा जाएगा। क्रमबद्ध तरीके से सभी कामों को पूरा किया जाएगा। मौके पर राजद जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सहनी, पूर्व विधान पार्षद रोमा भारती, अरविन्द सहनी, जवाहर लाल राय, संजीव कुमार राय, जदयू नेता रामदेव महतो, अनंत कुशवाहा, राकेश कुमार ठाकुर, रंजीत राय, राजू यादव, सत्यविन्द पासवान, रामविनोद पासवान, विजय यादव समेत दर्जनों कार्यकर्ता माैजूद रहे।

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