लोगों को रुला रही रसोई गैस की महंगाई

लोगों को रुला रही रसोई गैस की महंगाई

रामनगर। खाने पीने के सामान का भाव आसमान छू रहा है। सब्जी से लेकर फल तक लोगों को महंगे मिल रहे हैं। आलम यह है कि भरपेट भोजन के लिए आम आदमी को काफी पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। रोजमर्रा की सामग्री में तेल, रिफाइंड से लेकर दाल व डिटर्जेंट तक सभी सामग्री पर महंगाई की मार पड़ी है। सरकार की ओर से भले ही सभी घरों में रसोई गैस का चूल्हा व सिलेंडर पहुंचा दिया गया है मगर सही बात तो यह है कि इसके दामों में लगातार हो रहे इजाफे के कारण इसे रिफिल कराने की हिम्मत गरीब तबके के लोग नहीं जुटा पा रहे। रसोई गैस की महंगाई गरीबों को एक बार फिर रुलाने लगी है। बीते दो सालों में एकाध बार इसके भाव में कटौती हुई जबकि बराबर बढोतरी हो रही है। वहीं इसकी सब्सिडी को भी लगभग समाप्त कर दिया गया है। बता दें कि घरेलू गैस का एक सिलेंडर 14 किलो 200 ग्राम का होता है। आजकल अगर कोई गैस भरा भी रहा है तो यह उसकी मजबूरी है। इसका कारण यह है कि अब जलावन की लकड़ी भी काफी महंगी हो गई है। केरोसिन का भी यही हाल है। कामर्शियल सिलेंडर के भाव घरेलू गैस के साथ ही बढ़ रहे हैं। घरेलू गैस का दाम पिछले साल और अब वर्ष 2021---------------वर्ष 2022 जुलाई में 25 रुपये की वृद्धि--- छह जुलाई से 50 रुपये की बढोतरी जुलाई में मूल्य 1042 रुपये प्रति सिलेंडर--------अगस्त में 1153 रुपये प्रति सिलेंडर खाने के सामान के भाव के साथ गैस की महंगाई लोगों को रुला रही है। केरोसिन भी महंगा हो गया है। गैस कनेक्शन होते हुए भी लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाना पड़ रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में और अधिक परेशानी उठानी पड़ेगी। सरकार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। आरती देवी, गृहिणी गैस के बारे में तेल कंपनियों का रोना रोया जाता था। पहले अधिक सब्सिडी व कम दाम में सिलेंडर मिल जाते थे। आज इसको खरीदने के लिए 1153 रुपये देने पड़ते हैं। एक माह भी यह नहीं चल पाता है। रीता देवी, गृहिणी

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