घटना के दिन ही पुलिस को मिल गया काफी कुछ सुराग

घटना के दिन ही पुलिस को मिल गया काफी कुछ सुराग

सीतामढ़ी। घटना के बाद बुधवार दिनभर की तफ्तीश के बाद जांच अधिकारी पुख्ता नतीजे पर पहुंच गए। खोजी कुत्ता भी रेलवे स्टेशन से सात-आठ सौ मीटर लखनदेई नदी किनारे तक जाकर रुक गया। इसी इलाके में अरुण सिंह का मकान भी है। हत्या में प्रयुक्त खून लगे चाकू को पेपर में लपेटकर सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन के पश्चिमी गुमटी के पास झाड़ी में फेंक दिया था। साथ ही एक अपराधी मृतक का कुर्ता एवं बंडी पहनकर भाग निकला था। अपना कपड़ा मौके पर फेंक दिया था। उक्त कुर्ता एवं बंडी स्टेशन के पश्चिमी छोर पर लखनदेई नदी पर रेल पुल के नीचे जलकुंभी में छिपा दिया था। पुलिस ने उसे भी बरामद कर लिया। साथ ही कुल चार मोबाइल बरामद किया। इसमें एक कैंटीन संचालक का और तीन दाई तथा दोनों अपराधियों के थे।

70 साल के बुजुर्ग अरुण सिंह की हत्या किसी पहेली से कम नहीं थी : 70 साल के बुजुर्ग अरुण सिंह की हत्या सबके लिए अबूझ पहेली बन गई थी। पुलिस भी कह रही थी कि वारदात के पीछे दो-तीन बिंदुओं पर जांच चल रही है। पारिवारिक कलह, कैंटीन विवाद व जमीन-जायदाद को लेकर भी जांच हो रही है। वर्षों तक लगातार कैंटीन का संचालन करते रहने से एक तरह से कैंटीन व्यवसाय पर इनका एकाधिकार सा माना जाने लगा था। जिसके चलते उनके रहते फिर किसी को कैंटीन का टेंडर मिलने की संभावना कम ही थी। हालांकि, अक्टूबर महीने में पुन: कैंटीन का टेंडर होने वाला भी था। हो सकता है इस वजह से भी उसे रास्ते से हटाने की कोशिश की गई हो।

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