नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...

नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...

सीतामढ़ी। जिले में शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। शहर के श्री राधा कृष्ण मंदिर, श्री सीतामढ़ी गोशाला स्थित गोपाल कृष्ण मंदिर, खेमका कॉलोनी स्थित श्री श्याम मंदिर, गुदरी रोड स्थित श्री रामविलास मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के दर्शनों के लिए तांता लगा रहा। गोपाल कृष्ण मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव गायों के बीच गोशाला में मनाया गया। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सभी मंदिरों के गर्भ गृह में भगवान की साज सज्जा कर मंदिर परिसर को फूल मालाओं और रंगीन रोशनी से सजाया गया था। वहीं कन्हैया के आगमन से पूर्व श्री रामविलास मंदिर के पूरे परिसर को फूलों से सजाया गया था। शाम ढलते ही से भजन कीर्तन का आयोजन हुआ एवं श्री श्याम मंदिर में मुजफ्फरपुर से आए कलाकार मनमोहन सोनी व राजीव सोनी की भजन प्रस्तुति भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रही थी। पूरा वातावरण श्याममय हो चुका था। वहीं श्री सीतामढ़ी गोशाला में कन्हौली गजपथ के बिट्टू झा की मंडली द्वारा रामधुन के साथ कन्हैया के भजनों की प्रस्तुति की गई। रात के बारह बजते ही मंदिर की घंटियां बजने लगी और शंख बजाकर नंदलाल के आगमन का संदेश दिया गया। साथ ही झूम झूम के नाचो गाओ बधाइया, सांवली सूरत पे मोहन, तेरी बंशी पे जाऊं बलिहार, मैया यशोदा तेरा कन्हैया, नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, आदि गीत से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। श्रद्धालु भाव विभोर होकर भगवान श्री कृष्ण की जय-जयकार कर उठे। गोशाला स्थित गोपाल कृष्ण मंदिर में यजमान जनार्दन प्रसाद भरतिया, पंडित विद्याधर शर्मा और पंडित गणेश झा की देखरेख में पूजा पर बैठे थे। जन्मोत्सव के दौरान व्यवस्था में सजन हिसारिया, शिव कुमार प्रसाद, राजेश सुंदरका, राजीव कुमार गुड्डू, पंकज गोयनका, गणेश सिकरिया आदि लगे थे। इधर, राधा कृष्ण मंदिर में आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व सांसद सीताराम यादव की ओर से मंदिर परिसर में रंगीन वाटर फाउंटेन का लोकार्पण किया गया। जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री कृष्ण जन्मोत्सव में शामिल हुए। वही, चकमहिला स्थित चकऋषि आश्रम राम जानकी मंदिर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। पुजारी रामपुकार दास ने विधिवत पूजा अर्चना की। बाल रूपी कृष्ण को झूला पर स्थापित कर पूजा-अर्चना की।

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