स्टाफ ने ही की थी कैंटीन संचालक की हत्या, तीन गिरफ्तार

स्टाफ ने ही की थी कैंटीन संचालक की हत्या, तीन गिरफ्तार

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जंक्शन के कैंटीन संचालक हत्याकांड का राजकीय रेल पुल स ने 36 घंटे में उद्भेदन कर लिया। इस हत्याकांड में महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या में प्रयुक्त चाकू, चार मोबाइल, सात हजार नकद और खून से सने कपड़े भी बरामद किए गए हैं। रेल एसपी अशोक प्रसाद ने शुक्रवार को कार्यालय कक्ष में संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि एफएसएल, डाग स्क्वाड, सीसी कैमरे, सर्विंलास आदि की सहायता से वैज्ञानिक अनुसंधान किया गया। गिरफ्तार लोगों में सीतामढ़ी जिले के नगर थाना क्षेत्र के मेहसौल उर्फ रामपुर लक्ष्मी आदर्श नगर वार्ड-दो मुहल्ला निवासी स्व. बिंदा दास का पुत्र गुड्डू कुमार, बथनाहा थाना क्षेत्र के कोआरी गांव निवासी स्व. जगदीश मंडल की पत्नी सूर्यकला देवी, पुनौरा थाना क्षेत्र के मधुबन गांव निवासी रामलक्ष्मण साह का पुत्र मंतोष कुमार शामिल है।
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यह है मामला : सीतामढ़ी जंक्शन पर पिपराही थाना क्षेत्र के धनकौल गांव 70 वर्षीय ठीकेदार अरुण कुमार सिंह कैंटीन चलाते थे। उनका सीतामढ़ी में दो मकान है। स्टेशन पर छह ठेला, एक दुकान भी चलती है। गिरफ्तार महिला सूर्यकला देवी कैंटीन में काम करती थी। इसके एक कमरे में रहती थी। वहीं गुड्डू भी अरुण कुमार का एक स्टाल चलाता था। यहां से निकाले जाने पर वह बदला लेने की ताक में था। इस काम में सूर्यकला ने उसकी मदद की। दोनों ने मंतोष को बुलाया। 16-17 अगस्त की रात गला रेत कर कैंटीन संचालक की हत्या कर दी। अरुण कुमार का स्टेशन पर प्रतिदिन एक लाख का कारोबार था। कैंटीन की एक आलमारी में वह पैसा रखते थे। महिला ने यह देखा था। गुड्डू को इसकी जानकारी दी। उसके बाद पैसे लूटने के इरादे से तीनों रात में जमा हुए। चाबी नहीं देने पर हत्या कर सभी भाग निकले।
सीसी कैमरे से मिला सुराग : जंक्शन पर लगे सात सीसीकैमरे को खंगालने पर पता चला कि महिला कैंटीन में थी। दोनों आरोपित रात करीब एक बजे स्टेशन पहुंचे। उस वक्त सन्नाटा था। पहले रेकी की। किसी को स्टेशन पर नहीं देख कैंटीन संचालक की हत्या कर दी। कपड़े में खून लग जाने पर अरुण का कुर्ता-बंडी पहन कर स्टेशन के उत्तर की तरफ रेल लाइन फांद कर बसवरिया की ओर दोनों भाग निकले। गुड्डू भागकर सहियारा थाना क्षेत्र स्थित ससुराल चला गया था। यहीं से उसे पकड़ा गया।
खून के छींटे से पकड़ में आया मामला : गला रेतने पर शरीर से निकले खून के छींटे दीवार पर पड़ गए थे। महिला ने रात में ही पानी से साफ कर दिया था। पुलिस को शक हुआ। एसपी अशोक कुमार को पहला शक महिला पर गया। उन्होंने तीसरे राउंड में उससे सारी बातें उगलवा ली। इसके बाद डीएसपी अतनु दत्ता के नेतृत्व में टीम बनाई। इसमें मुजफ्फरपुर जीआरपी थानाध्यक्ष दिनेश साहु और सीतामढ़ी जीआरपी थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार सहित अन्य को शामिल किया। मोबाइल सर्विलांस व महिला के पूछताछ के आधार पर 24 घंटे में मामले का पर्दाफाश हो गया। एसपी ने बताया कि टीम में शामिल सभी पदाधिकारियों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि तीनों आरोपितों को कोर्ट से आग्रह कर स्पीडी ट्रायल करवाकर जल्द सजा दिलवाई जाएगी।

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