नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...

नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की...

दरभंगा। झूला में झूल रहे कन्हैया मोरे, लल्ला ने जन्म लियो माता देवकी के घर, आयो पालन हार रे और श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी आदि गाने गाकर भक्तों ने नंदलाल का स्वागत किया। इस बार कोरोना की बंदिशें खत्म होने के साथ ही मंदिरों में कीर्तन-भजन का आयोजन किया गया। जिले के विभिन्न राधा-कृष्ण मंदिरों में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व खूब हर्षोल्लास से मनाया गया। जगह-जगह झांकियां निकाली गई। मंदिरों में लोगों की खूब भीड़ देखने को मिली। वहीं घरों में भी लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया तथा झूला झुलाया। रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होने पर थालियां बजाई गईं तथा आरती कर प्रसाद बांटा गया। घरों में लोगों ने अपने छोटे बच्चों को भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक पहनाकर उन्हें कृष्ण के रूप में सजाया तथा उसी रूप में उनकी पूजा की गई। इसके अलावा घरों में पूजा अर्चना की गई। स्नान आदि करने के बाद मंदिरों में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण को पोशाक पहनाई। लोगों ने पूरे दिन व्रत रखा। घरों में आपस में लोगों ने एकत्रित होकर संकीर्तन का भी आयोजन किया गया। वहीं जिले के मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण को नई पोशाकें पहनाई गईं तथा विशेष पूजा अर्चना हुई। शहर के शुभंकरपुर स्थित इस्कान राधा कृष्ण मंदिर, सकमा पुल स्थित राधा कृष्ण मंदिर, बेंता, शाहगंज, मिर्जापुर समेत अन्य पूजा पंडालों को विशेष रूप से सजाया गया एवं विशेष पूजा अर्चना की गई। इस्कान मंदिर में भगवान को लगाए गए 501 प्रकार के भोग शुभंकरपुर स्थित इस्कान राधा कृष्ण मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भगवान राधा-कृष्ण एवं बलराम को 501 प्रकार का भोग लगाया गया। वहीं 125 किलो की केक के साथ ही महाभिषेक, आरती और महाभोग का आयोजन किया गया। मंदिर की साफ-सफाई और सजावट के लिए विशेष रूप से पश्चिम बंगाल से फूल मंगाए गए थे। फूलों से भगवान राधा-कृष्ण एवं बलराम की मूर्तियों को भव्य तरीके से सजाया गया था। कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। केवटी का माहौल हुआ भक्तिमय केवटी : प्रखंड क्षेत्र के रनवें व दड़िमा एवं खिरमा - पथरा चौक के अलावे नयागांव , मोहम्मदपुर , कदमटोली, लाघा, माघोपट्टी, मझिगामा, पचाढ़ी आदि जगहों पर आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया है। भक्त नटखट नंदलाल मुरली घारी के श्याम रंग में रंग चुके हैं। मैया मोरे मैं नहीं माखन खायो , नंद घर आनंद भयो , जय कन्हैया लाल की भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित गीत से इलाका गुंजायमान हो रहा है। रामकुंज में 118 वर्षों से हो रहा जन्माष्टमी का आयोजन सिंहवाड़ा : नगर पंचायत के रामकुंज टोला में 118 वर्षों से ऐतिहासिक जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यहां भगवान श्री कृष्ण की आकर्षक प्रतिमा पर भक्तों के माध्यम से शुद्ध चांदी निर्मित बांसुरी भेंट करने की परंपरा आज भी कायम है। मान्यता है कि कन्हैया के दरबार में मांगी गई सभी मुरादें पूर्ण होती है। श्री श्री 108 कृष्णोत्सव पूजा समिति के आयोजक राघवेंद्र झा. राजीव झा, सुभाष झा,कृष्ण झा, वेदांग वैकुंठ झा, शाश्वत झा ने बताया कि सन 1906 में आई प्रलयंकारी बाढ़ में प्रखंड के अतिरिक्त सिंहवाड़ा उत्तरी में जान-माल सहित सबसे अधिक आर्थिक क्षति हुई थी। इस दौरान लोक कल्याणकारी जनसेवक आध्यात्म शिरोमणि रुद्रनाथ झा का मन विचलित होने पर मिथिलांचल में बाढ़ व आपदा से मुक्ति व मानव कल्याणार्थ भगवान श्रीष्ण का पूजन करने का निर्णय लिया था। इसके बाद से इस मोहल्ले में जन्माष्टमी समारोह पूर्वक मनाने के साथ भव्य पूजा अर्चना किया जाने लगा। कलश शोभायात्रा के बीच जगह जगह निकाली गई आकर्षक झांकियां सिंहवाड़ा : बनौली पंचायत के फुलथुआ गांव में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को लेकर शुक्रवार को कलश शोभा यात्रा निकाली गई। कन्याओं ने जय कन्हैया लाल की जय-जयकार के बीच सभी धार्मिक स्थल का भ्रमण किया। श्री श्री 108 कृष्ण जन्माष्टमी पूजा समिति फुलथुआ के अध्यक्ष राहुल कुमार, सचिव दीपू यादव,कोषाध्यक्ष चन्द्रिका प्रसाद, व्यवस्थापक अमरजीत यादव की अगुवाई में 251 कन्याओं ने कार्यक्रम स्थल प्राथमिक विद्यालय परिसर से प्रस्थान कर सुलईस गेट जुड़िया नदी से कलश में जल संग्रह किया। आचार्य पंडित हेम नारायण झा ने संकल्पित संजय यादव व धीरू प्रसाद को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना व धार्मिक ग्रंथ का पाठ पढाया। कमतौल में 351 कन्याओं की निकाली गई कलश शोभा यात्रा कमतौल : क्षेत्र के सिरहुल्ली गांव स्थित पटवा पोखर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का 115 वां महोत्सव मनाया गया। शुक्रवार को 351 कुमारी कन्याओं की कलश शोभा यात्रा निकाली गई। कलश शोभा यात्रा पूजा स्थल से चल कर अधवारा समूह की बागमती नदी के बरकी घाट पर वैदिक मंत्रोचारण के बीच पवित्र जल कलश में धारण कर वापस गाजे बाजे के साथ श्री कृष्ण की जय घोष लगाते हुए पूजा स्थल पहुंची।
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