पशु अस्पताल में छह महीने से नहीं है दवा, पशुपालकों की जेबें हो रहीं ढीली

-13 पंचायतों में 50 हजार से अधिक है पशुओं की संख्या, लोगों की जीविका का साधन

-24 प्रकार की दवाएं पशु अस्पताल में रखने का है प्राविधान, परेशान हो रहे पशुपालक
--------------------------------------------- संवाद सूत्र, मरौना (सुपौल) : मरौना प्रखंड के पशु अस्पताल खुद बीमार हैं। पशुओं का इलाज कराने आए लोगों को जेब में पैसे लेकर आना पड़ता है। इसका कारण है कि उन्हें दवा के बदले दवा की पर्ची थमाई जाती है। लोगों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है जिसमें पशुपालकों की जेबें ढीली हो रही है। यह हाल एक-दो दिनों से नहीं बल्कि छह महीने से है। छह महीने से अस्पताल में दवा नहीं है जबकि सरकार ने दो दर्जन दवाओं की सूची जारी कर रखी है जो अस्पताल में उपलब्ध रहेगी।

यह इलाका कोसी व कृषि क्षेत्र रहने के कारण यहां करीब 70 फीसद लोगों की जीविका का मुख्य साधन कृषि व पशुपालन ही है। यहां की 13 पंचायतों में करीब 50 हजार से अधिक पशुओं की संख्या है, इसके बावजूद मवेशियों की चिकित्सा व्यवस्था दम तोड़ रही है। हालांकि पूर्व से भी पशु चिकित्सा केंद्र की बात करें तो भगवान भरोसे ही चल रहा है। पशुपालकों को सरकारी स्तर पर दी जाने वाली सुविधाएं नहीं के बराबर मिल पा रही। मवेशियों के इलाज के लिए विभाग द्वारा लगभग 24 प्रकार की आवश्यक रूप से दवा रखने का प्राविधान है। यहां छह माह से अधिक समय से एक भी दवा मवेशियों के लिए नहीं है। स्थिति यह है कि यहां मवेशियों के गर्भाधान के लिए सीमेन तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यहां के पशुपालक जहां-तहां व झोला छाप पशु चिकित्सक की शरण में जाने को मजबूर हैं। दवा व इलाज सही से नहीं होने के कारण कई मवेशी बीमार होकर मौत के मुंह में जा रहे है। यहां पशु चिकित्सा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।
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कहते हैं पशुपालक प्रमोद यादव, जहांगीर आलम, रंजीत मंडल, सीता देवी ने बताया कि सरकारी पशु चिकित्सालय में दवा नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण मेडिकल दुकानों से महंगे दर पर दवा लेनी पड़ रही है। बताया कि दो माह से पशुओं के दवा के लिए अस्पताल जा रहे हैं लेकिन दवा उपलब्ध नहीं रहने के कारण दवा नहीं मिल पा रही है।
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कोट -
जिले के किसी भी पशु अस्पताल में फिलहाल दवा उपलब्ध नहीं है। दवा के लिए जिला मुख्यालय को कई बार लिखा गया है।
डा. कृष्ण कुमार, प्रभारी, पशु अस्पताल मरौना

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