आधार कार्ड बनाने में मिल रहे हैं फर्जी जन्म प्रमाण पत्र

संसू, पतरघट (सहरसा): प्रखंड क्षेत्र में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का रैकेट सक्रिय है। साइबर कैफे सहित अन्य जगहों पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। जिसका पर्दाफाश बच्चों के अभिभावकों द्वारा बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के दौरान हो रहा है।

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केस एक
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धबौली पश्चिम पंचायत स्थित वार्ड नौ मनमा टोला बस्ती के चंद्रभूषण चौधरी की पत्नी श्यामा देवी अपने पांच वर्षीय पुत्र संजीव कुमार का, योगेंद्र यादव की पत्नी लालो देवी सात वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी का, गोरेलाल चौधरी की पत्नी अनिता देवी आठ वर्षीय पुत्री हीना कुमारी का जब आधार कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड सेंटर पहुंची तो सेंटर संचालक द्वारा सभी बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र का वार कोड स्कैन किया तो सभी जन्म प्रमाणपत्र फर्जी निकला। जिसके बाद संचालक द्वारा आधार कार्ड बनाए जाने से इंकार कर दिया। महिलाओं के द्वारा काफी हो-हंगामा किए जाने पर भीड़ जुट गई। महिलाओं ने बताया कि उनलोगों ने आशा कार्यकर्ता के माध्यम से लेखापाल एवं डाटा आपरेटर को आवश्यक कागजात के साथ 12 सौ रुपये दिए थे। डेढ़ माह बाद लेखापाल मिथिलेश कुमार राय ने पीएचसी बुलाकर जन्म प्रमाण पत्र दिया था। आधार कार्ड बनाने जब सेंटर पहुंचे तो संचालक द्वारा आधार कार्ड बनाए जाने से इंकार कर दिया गया। आधार कार्ड सेंटर प्रभारी धीरेंद्र कुमार ने बताया की जन्म प्रमाणपत्र के कोड स्कैनिग से पता चला की उक्त प्रमाणपत्र टना नगर निगम के द्वारा निर्गत किया जा चुका है।

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केस दो
---- बिशनपुर पंचायत के निवासी कारी यादव ने बताया कि अपनी पोती आकृति कुमारी के जन्म प्रमाणपत्र निर्गत करने के लिए लेखापाल को 14 सौ रुपये और आवश्यक कागजात दिए थे। डेढ़ माह बाद उन्हें जन्म प्रमाण पत्र दिया गया। आधार कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड सेंटर पहुंचे तो जन्म प्रमाणपत्र फर्जी निकला।
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केस तीन
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बिशनपुर के शंकर यादव जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रखंड मुख्यालय स्थित एक साइबर कैफे पर गये थे। उनसे कैफे संचालक के द्वारा चार हजार रुपये लिया गया। जिसके एक सप्ताह बाद उनको साइबर कैफे संचालक द्वारा जन्म प्रमाणपत्र दिया गया। जब उन्होंने उक्त जन्म प्रमाणपत्र शिक्षण संस्थान में जमा किया तो जांचोपरांत उसे फर्जी करार देते हुए उससे संस्थान द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया। साइबर कैफे के संचालक को शिकायत करने पर मामला सुलझा लिया गया।
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मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की जांच करवा रहें हैं। अगर जांच में मामला सही पाया गया तो संबंधित कर्मी पर समुचित कार्रवाई के लिए जांच प्रतिवेदन जिला भेज दिया जाएगा।
डा. बीके प्रशांत, चिकित्सक, पतरघट पीएचसी।

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