बच्चों की परवरिश में सांस्कृतिक कलाकृतियों का योगदान

बच्चों की परवरिश में सांस्कृतिक कलाकृतियों का योगदान

औरंगाबाद : विद्या निकेतन ग्रुप आफ स्कूल के किड्ज वर्ल्ड बाजार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता (रूप साज-सज्जा) का आयोजन किया गया। उद्घाटन बेउर जेल पटना की चिकित्सा पदाधिकारी डा. शाजिया असरार, बक्सर की चिकित्सा पदाधिकारी डा. एन प्रिया, संस्था के मेडिकल आफिसर डा. मनोज कुमार, सीएमडी सुरेश कुमार गुप्ता, सीईओ आनंद प्रकाश, डिप्टी सीईओ विद्यासागर, किड्ज वर्ल्ड के प्राचार्य विनीता प्रकाश, समृद्धि एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन मालती देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बच्चे भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा के भेष-भूषा में सज-धजकर फैंसी ड्रेस कंपटीशन में भाग लेने विद्यालय पहुंचे। सीएमडी सुरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि समय के साथ पठन-पाठन का जो चरित्र है, वह बदल रहा है। बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाने की कला में यह सांस्कृतिक आयोजन भी शामिल है। मुख्य अतिथि डा. साजिया असरार ने कहा कि बच्चे के परवरिश में सांस्कृतिक कलाकृतियों का बहुत बड़ा योगदान है डा. एन प्रिया ने कहा कि स्कूल द्वारा रूप-सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन बड़ा ही अच्छा कदम है। इसमें बच्चे के साथ-साथ माताएं भी भाग ले रही हैं। बच्चों को उच्च शिखर तक पहुंचाने में मिल का पत्थर साबित होगा। संस्था के सीईओ आनंद प्रकाश ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धा के दौर में बच्चे को हर क्षेत्र में आगे लाने के लिए खेल- खेल में सीखें पद्धति में सांस्कृतिक आयाम को जोड़ना आवश्यक हो गया है। डिप्टी सीईओ विद्यासागर ने कहा कि आज के आधुनिक दौर में बच्चों को संगीत, कला- संस्कृति की पहचान करना जरूरी है।
जय कन्हैया लाल की, मदन गोपाल की यह भी पढ़ें

अन्य समाचार