वर्षा नहीं होने से धान की फसल पर संकट

संसू, सिकटी (अररिया): सिकटी विधानसभा के किसानों को हमेशा प्राकृतिक आपदा से लड़ने की एक आदत सी बन गई है।

मौसम की बेरूखी से बेमौसम बारिश के साथ-साथ समय पर बारिश नहीं होने के कारण खरीफ फसल खासकर धान की फसल पर संकट गहराता जा रहा है। किसान बारिश के इंतजार में हताश होकर महंगी दरों पर पंपसेट के सहारे धान की फसल को बचाने क़े लिए मजबूर हैं। प्रखंड क्षेत्र के मजरख, बरदाहा, सुंदरी, रजौला, लक्ष्मीपुर, भभटिया, कासत, लैलोखर, कुआड़ी, शंकरपुर सहित दर्जनों गांवों के किसान मक्का के बाद प्राय: धान की फसल पर ही आश्रित हैं। लेकिन बारिश नहीं होने से सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र के किसान सुखाड़ की आशंका से हताश हैं। पानी क़े अभाव में खेतों में दरारें पड़ गई है। खेतों में लगी फसल पानी क़े अभाव में सूख रहे हैं। खुले बाजार से किसान उन्नत धान बीज ऊंची दाम पर खरीद कर खेतों में बुआई किया पर बारिश ने सारे मंसूबे पर पानी फेर दिया।

फसल बचाने को किया जा रहा पटवन: बारिश नही होने से धान क़े फसल को बचाने के लिए किसान पंप के सहारे सिचाई कर रहे हैं। अधिकांश तालाब, जोरिया में जल स्तर काफी नीचे चला गया है।
क्या कहते हैं किसान--चंद्रदीप सिंह, शुक्कन पासवान, राजू मंडल, रामदेव यादव, भारत पासवान, किशोर मंडल, भागवत दास आदि किसानों ने बताया कि कृषि कार्य का आधा समय पार हो गया। बाजार से उन्नत धान बीज खरीद कर खेत में डाले थे। एक तिहाई धान आ बिचड़ा सूख कर मर गया। बारिश नहीं होने की परिस्थिति में साल भर परिवार का पालन पोषण कैसे होगा यही सोच कर बुरा हाल है। किसानों ने राज्य सरकार से क्षेत्र को सुखाड़ घोषित कर आर्थिक मदद करने की मांग की।

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