गमछे में रोटी बांधकर खाद की लाइन में किसान

गमछे में रोटी बांधकर खाद की लाइन में किसान

अरवल : बारिश होने से खाद की मांग बढ़ गई है। धान को फलने-फूलने के लिए खाद की जरूरत है। पर दुकानों पर खाद नहीं मिल रही। घंटों कतार में खड़े रहने पर कुछ किसानों को एक-दो बोरी खाद मिल पाती है। लिहाजा, अगले दिन भी कतार कम नहीं हो पाती। खाद से वंचित किसानों की लाइन में कम खाद पाने वाले को फिर से लगना होता है। सुबह से ही खाद दुकान के पास लाइन लगाकर किसान अपनी बारी का इंतजार करते हैं। आलम है किसान गमछे में रोटी बांधकर घर से निकलते हैं। खाद की लाइन में ही नाश्ता-भोजन करते हैं।

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लाइन से निकलकर खाना खाने जाते हैं फिर लौटकर लग जाते हैं
लाइन में लगे अरवल प्रखंड के भदासी, फेकू बिगहा, मखदुमपुर, जिनपुरा व हसनपुरा गांव के किसान ललन पंडित, रामफल सिंह, दशरथ शर्मा ने बताया कि चार बजे सुबह ही घर से निकलकर खाद की दुकान पर आ गए, तब भी पहले से कई किसान लाइन में लगे थे। रोटी-भुजिया साथ लाया हूं। यहीं नाश्ता हुआ। दोपहर तक खाद नहीं मिली तो भोजन भी यहीं मंगाएंगे। पिछले तीन दिनों से आकर लाइन में लग रहे हैं। दोपहर एक बजे तक इन किसानों को खाद नहीं मिली थी। किसान राम किशन शर्मा, प्रमोद शर्मा, लालजी यादव, सुबोध कुमार ने कहा कि अबतक हमारी बारी नहीं आई है। पास के बाजार से दालमोट और फरही लाकर खाए हैं। पानी भी खरीद कर पीनी पड़ी। लाइन में मेरे आगे-पीछे लगे किसानों से इजाजत लेकर दोपहर में कुछ समय के लिए खाना खाने जाएंगे। लौटकर फिर कतार में लग जाएंगे। मेरे लौटने पर दूसरे किसान जाएंगे। यही सिलसिला तीन दिनोें से चल रहा है। नौ नंबर पुल अरवल स्थित निर्भय खाद दुकान पर कतार में लगे किसानों की यह पीड़ा थी। करपी, किंजर व कुर्था के इलाके में भी कमोबेश यही हाल है। किसानों ने कहा कि बारिश होने से खेतों में पानी हो गया है। खाद डालने से धान की फसल लहलहा उठेगी। अगर समय से खाद नहीं मिली या खेतों में पानी सूख गया तो फिर खाद लेने से कोई फायदा नहीं होगा।
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जिले को दो लाख 66 हजार 646 बैग खाद की आवश्यकता
जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि जिले में 150 खाद दुकान निबंधित है, जिसमें 100 दुकानदार खाद उठाव कर पांचों प्रखंड में वितरण कर रहे हैं। जिले में धान की रोपनी 90 प्रतिशत हो चुकी है। लिहाजा, जिले को दो लाख 66 हजार 646 बैग खाद की आवश्यकता है, जिसमें एक लाख 35 हजार 655 बैग की आपूर्ति एक माह पहले हुई थी। कुछ दुकानों में स्टॉक खत्म हो गया था। शनिवार को 20 हजार बैग का आवंटन आया था। रविवार शाम तक 3500 बैग गया से आने वाला है। इसके अलावा 12 हजार बैग कोलकाता से एक-दो दिन में आ जाएगा।
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खाद की कालाबाजारी के सवाल पर जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारी प्रतिदिन दुकानों को जांच कर रहे हैं। गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। अबतक तीन दुकानों का निबंधन रद किया जा चुका है। दो दुकानों का लाइसेंस निलंबित किया गया है। परासी के संतोष खाद भंडार की जांच में खाद की जगह कपड़े की दुकान मिली। परासी बाजार में ही हरिहर खाद भंडार के निरीक्षण में खाद की जगह नमक की बोरी पाई गई। भदासी के होलसेल विक्रेता उग्रह सिंह को मनमाने ढंग से खुदरा दुकानदारों को खाद आवंटन करते पकड़ा गया। कलेर प्रखंड के गोपालपुर में हर्ष खाद भंडार को यूरिया की कालाबाजारी करते पाया गया। यहां से दूसरे जिले और राज्य में 115 बैग खाद कालाबाजारी में बेची गई थी। कृषि पदाधिकारी ने कहा कि यूरिया 266 प्रति बोरी और डीएपी 1350 रुपये प्रति बोरी किसानों को उपलब्ध कराना है।

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