निजी क्लीनिक में प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया हंगामा

निजी क्लीनिक में प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया हंगामा

सुविधा नहीं होने की बात कह कर सदर अस्पताल से प्रसूता को लौटाया अस्पताल कर्मी और बिचौलिए की मदद से निजी क्लिनिक में हुई थी भर्ती बिना सुविधा के चिकित्सक ने गर्भवती का कर दिया सिजेरियन लोगों ने जाम की सड़क व तोड़फोड़ जागरण संवाददाता, शेखपुरा: रविवार को शहर के दल्लू चौक पर स्थित एक निजी क्लीनिक में प्रसव के बाद प्रसूता की मौत पर लोगों ने जमकर हंगामा किया तथा क्लीनिक में तोड़फोड़ की। आक्रोशित लोगों ने कुछ देर तक कुसुंभा रोड को भी जाम कर दिया। हंगामा के बाद अस्पताल के संचालक, चिकित्सक और उसके कर्मी संस्थान को छोड़कर भाग गए। हंगामे को देखते हुए शेखपुरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंच कर उग्र लोगों को समझा-बुझा कर नियंत्रित किया। प्रसव के बाद नवजात शिशु स्वस्थ्य मृतक महिला की पहचान जिले के कसार थाने के कंबलबीघा गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू राम की पत्नी रिंकू देवी (35) के रूप में हुई है। प्रसव के बाद नवजात शिशु पूरी तरह से स्वस्थ्य है। काफी देर तक हंगामे और सड़क जाम के उपरांत प्राथमिकी करके पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। शेखपुरा थाने के एसएचओ ने बताया कि मृतका के पति ने निजी क्लिनिक के खिलाफ प्राथमिकी कराया है। कंपाउंडर चलाता है क्लीनिक सदर अस्पताल से कुछ दूरी पर अवस्थित इस निजी क्लीनिक को एक एमबीबीएस चिकित्सक का बोर्ड लगाकर कोई कंपाउंडर चलाता है। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से यह जांच करेगा कि उक्त क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग से पंजीकृत है या नहीं। बताया गया इस निजी क्लीनिक में आपरेशन थियेटर की भी व्यवस्था नहीं है, मगर इस गर्भवती महिला का सिजेरियन कर दिया गया। सदर अस्पताल से प्रसूता को लौटाया मृतका के देवर विक्की कुमार ने बताया कि रिंकू को शनिवार को प्रसव पीड़ा होने के बाद सदर अस्पताल लाया गया था, मगर वहां चिकित्सक ने यह कहकर बाहर जाने कि सलाह दी कि बड़ा आपरेशन से बच्चा होगा। इसीबीच एक कर्मी और बिचौलिया लग गया और निजी क्लीनिक में भेज दिया। पैसे कि कमी को देखते हुए परिवार वालों ने दल्लु चौक स्थित उक्त निजी क्लीनिक में गर्भवती को ले गए। रात लगभग नौ बजे आपरेशन करके प्रसव कराया गया, मगर प्रसूता रिंकू की तबीयत खराब होने लगी। रात में चिकित्सक ने सब कुछ ठीक होने की बात कहकर इलाज करता रहा और रविवार की दोपहर अचानक बाहर ले जाने की बात कहकर स्वयं क्लीनिक छोड़कर भाग गया। परिवार के लोग बाहर ले जाने के इंतजाम में लगे ही थे कि 15 मिनट के भीतर प्रसूता की मौत हो गई। बड़ा ऑपरेशन के नाम पर मिलीभगत सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के प्रसव को लेकर अस्पताल से जुड़े कई कर्मियों की निजी क्लीनिक से मिलीभगत है। मरीज को बड़ा ऑपरेशन की बात कह चिकित्सक भी लौटा देते हैं। फिर बिचौलिए द्वारा निजी क्लिनिक में मरीज को पहुंचा दिया जाता है। एक दर्जन ऐसे क्लीनिक मुख्यालय में ही संचालित है।
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