तालीम से बदल रहे सूरत

जागरण संवाददाता, खगड़िया : अल्पसंख्यक परिवार की बच्चियां अब भी शिक्षा से दूर हैं। उन्हें शिक्षित करने की मुहिम खगड़िया के कारी मु. अख्तर ने चला रखी है। खगड़िया जिले के सुदूर ढाढ़ी-बलैठा के रहने वाले कारी मु. अख्तर नगर परिषद क्षेत्र में स्कूल खोलकर 50 के आसपास अल्पसंख्यक बच्चियों को नि:शुल्क एक से सातवीं कक्षा तक की शिक्षा दे रहे हैं। सभी बच्चियां हास्टल में रहती हैं। बच्चियों को हिदी, उर्दू, अंग्रेजी, गणित आदि विषयों की शिक्षा दी जाती है। 2013 के नवंबर से कारी मु. अख्तर स्कूल संचालित कर रहे हैं। पहले वे खगड़िया शहर के जयप्रकाश नगर में स्कूल संचालित करते थे। 29 मई 22 से नगर परिषद क्षेत्र के इस्लामपुर बायपास में स्कूल संचालित कर रहे हैं। आज स्कूल को अपनी तीन कट्ठा जमीन और मकान है।


रुडकी से उर्दू में स्नातक कारी मु. अख्तर कहते हैं- रोजी-रोटी की तलाश में बाहर के स्कूलों में पढ़ाया। बड़े शहरों में शिक्षा के प्रति जागरूकता देखकर अपने इलाके की बच्चियों को भी शिक्षित करने की प्रेरणा मिली। अल महदुल इस्लामी ऐजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट का गठन किया। ट्रस्ट को कहीं से कोई फंडिग नहीं है। जन सहयोग से यह संचालित है।
यहां गरीब-गुरबा परिवार की बच्चियां पढ़ रही है। वर्ग पांच में पढ़ रही सपहा, महेशखूंट की आसिया परवीन दोनों पांव से दिव्यांग हैं। उनके पिता मु. मुबारक महेशखूंट चौक पर ठेला पर दुकान लगाते हैं। किसी प्रकार दोनों शाम चूल्हे जलते हैं। लेकिन आज आसिया परवीन बेहतर तालीम पा रही है। रुकैया बेगम (औराही, अलौली) के पिता मु. सलाम खेतिहर मजदूर हैं। वे यहां वर्ग दो की छात्रा हैं। आज बेहतर शिक्षा पा रही हैं। अल्पसंख्यक समाज में बालिका शिक्षा की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। खासकर गरीब परिवारों में इसको लेकर उदासीनता है। यह देखकर उन्हें बेहतर तालीम देने को लेकर अल महदुल इस्लामी ऐजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट का गठन किया। यह जन सहयोग से चलता है।
कारी मु. अख्तर, खगड़िया

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