15 दिनों से पानी नहीं, जैसे-तैसे बुझ रही प्यास



संवाद सूत्र, हेमजापुर (मुंगेर) : धरहरा प्रखंड के एनएच 80 किनारे बसे शिवकुंड पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों के बीच इन दिनों पानी की बड़ी समस्या बनी हुई है। 15 दिनों से शिवकुंड पंचायत के वार्ड संख्या दो के ग्रामीणों को पानी टंकी से पानी नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से वहां हाहाकार की स्थिति बन गई है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचइडी विभाग के सभी अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया, लेकिन कोई भी इस मामले पर संज्ञान नहीं ले रहा है। हैरत की बात यह है कि यहां पंचायत के मुखिया व स्थानीय वार्ड सदस्य सहित कई लोगों की उपस्थिति में विभागीय टीम इसका सर्वेक्षण करके गई है, लेकिन परिणाम अभी तक नजर नहीं आ रहा है। पानी की समस्या होने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। माला देवी व शीला देवी सहित कई ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि पानी नहीं मिलने से घरेलू कार्य को निपटाने में काफी मुश्किलें आ रही है। वही दूसरे के घर जाकर चापाकल से पानी लाने पर विवश हैं। जब सरकार योजना का सही रूप से संचालन नहीं कर पाती है तो ऐसी योजना चलाती ही क्यों है? देखरेख नहीं होने से बार-बार पानी टंकी का मोटर खराब हो रहा है और उन लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है।

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रास्ते में ही पाने की रफ्तार हो जाती है कम :
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो यहां लगे पानी टंकी पर अधिक लोगों का भार होने से यहां मोटर बार-बार खराब हो जाता है। स्थिति यह बन गई है कि पाइप में पानी की रफ्तार इतनी कम हो जाती है कि कई घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। यह टोला बहुत बड़ा है इसलिए यहां पानी की दो टंकी होनी चाहिए, लेकिन एक पानी टंकी होने से यह लगी मशीन बार-बार खराब हो जाती है। स्थानीय मोटर संचालक ने बताया कि वह कई बार विभाग को इस बात से अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में लगभग 15 दिनों से यहां पानी बंद है।
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कहते हैं स्थानीय प्रतिनिधि :
वार्ड संख्या दो के वार्ड सदस्य मिथुन कुमार, सरपंच ललन कुमार व समाजसेवी ऋतुराज बसंत ने कहा कि हर घर नल का जल योजना सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन सही रूप से देखभाल नहीं होने के कारण लोगों को इसका उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इस योजना से जुड़े पदाधिकारियों का ध्यान जल्द इस ओर आकृष्ट करें इस समस्या का निदान करना चाहिए। अब देखना यह है कि विभागीय टीम सर्वेक्षण तो करके चली गई है, लेकिन यहां के लोगों को पानी कब तक उपलब्ध करा पाती है।

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