बगहा:: बाढ़ से सुरक्षा के नाम पर खेल, बालू की जगह मिट्टी भरकर रखी गई हैं बोरियां

बगहा:: बाढ़ से सुरक्षा के नाम पर खेल, बालू की जगह मिट्टी भरकर रखी गई हैं बोरियां

बगहा। बाढ़ निरोधक कार्यों के नाम पर जल संसाधन विभाग के अधिकारी सरकारी धन का बंदरबाट कर रहे हैं। कहीं एक हजार बोरी बालू पर पांच हजार का भुगतान हो रहा है तो कहीं बालू की जगह मिट्टी भरी बोरियों से तटबंधों की सुरक्षा की जा रही है।
भितहा पीपी तटबंध पर रखी गई 60 हजार मिट्टी भरी बोरियां गांवों के अस्तित्व के साथ हो रहे खिलवाड़ की गवाही दे रही हैं। मामूली बारिश में भींगने से बोरे ढेला बन गए है। वहीं तेज धूप से बोरी फट गई है। इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है। मानसून आने से पहले ही जल संसाधन विभाग बाढ़ से सुरक्षा की तैयारियों में जुट जाता है।

15 अगस्त 2017, यह वो तारीख है जिसे याद कर पीपी तटबंध के सीमावर्ती दर्जनों गांव के लोग सिहर जाते हैं। सुबह लोग स्वत्रंत्रता दिवस की तैयारी में लगे थे तभी अचानक चीख पुकार मच गई। पता चला कि चंद्रपुर के समीप तटबंध टूट गया है। तटबंध पर तैनात अभियंता भाग गए हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। सामान भी सहेजने का मौका नहीं मिला, मवेशी खूंटे में बंधे रह गए। महज कुछ ही देर में तीन पंचायतों के दस गांव पानी में समा गए। ग्रामीण अर्जुन बिंद, छोटे लाल गोड़, मंजूर हसन आदि का कहना है कि उस वक्त कटावरोधी कार्यों में विभाग ने मानकों की अनदेखी की थी। जिसका परिणाम ग्रामीणों को भुगतना पड़ा। इस बार भी अधिकारियों ने वही खेल शुरू किया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी आपदा में घोटाले का अवसर तलाशते हैं। बालू भरी लाखों बोरियों का कोई हिसाब नहीं होता। कटाव रोकने में जहां दस हजार बोरी बालू डाला जाता है वहां उसके दोगुने का भुगतान कर दिया जाता है। दलील यह रहती है कि वह बालू की बोरियां पानी में बह गईं। इनका हिसाब लगाना भी मुश्किल होता है। यही नहीं इन बोरियों में बालू की जगह मिट्टी भी भरी जाने लगी है। पीपी तटबंध पर संवेदकों द्वारा बालू की जगह मिट्टी की भराई कर हजारों बोरे स्टॉक किए गए हैं। बोरी फटने के बाद इसकी पोल खुलने पर ग्रामीणों में नाराजगी है। तटबंध की निगरानी कर रहे कनीय अभियंता धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अभी नदी के जल स्तर में कमी है। बरसात को देखते हुए सभी संवेदनशील बिंदुओं पर काटावरोधी सामग्री के रूप में 60 हजार बोरी रखी गई है। एक बोरी का 10 रुपये से अधिक सरकारी दर पर भुगतान किया जाता है।
कटावरोधी कार्यों के नाम पर होती है लूट
भुईंधरवा पंचायत के मुखिया मजहर आलम ने बताया कि बरसात के समय कटावरोधी कार्यों के नाम पर हर साल जल संसाधन विभाग के अधिकारी लूट मचाते हैं। इन्हें गांवों के सुरक्षा की परवाह नहीं होती। पीपी तटबंध पर रखे गए मिट्टी भरे बोरे आपदा में घोटाले की गवाही दे रहे हैं। सरकार कटावरोधी कार्यों की जांच के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित करें।
पीपी तटबंध की मजबूती पर टीकी है इन गांवों की नींव
जिला पार्षद प्रतिनिधि सुशील शर्मा ने कहा कि भुईंधरवा, मच्छहा व डीही पकड़ी ये तीन पंचायत ऐसे हैं जिनकी नींव पीपी तटबंध की मजबूती पर टीकी है। अगर तटबंध असुरक्षित रहा तो उक्त पंचायत के मच्छहा, भुईंधरवा, चंद्रपुर, खाप टोला, मौनाही, शेख पट्टी, मिश्रौली, बैरतवा, बलुआ, झवठिया सहित दर्जनों गांव तबाह हो जाएंगे।
बगहा के एसडीएम दीपक कुमार मिश्र ने बताया कि पीपी तटबंध पर मिट्टी भरे होने की जानकारी नहीं है। मै खुद मौके पर जाऊंगा इस तरह की लापरवाही सामने आने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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