बदलते मौसम में सेहत का रखें ख्याल

संवाद सहयोगी, लखीसराय : बदले मौसम और बरसात में कई प्रकार के रोगों में बढ़ोतरी हो जाती है। खासकर इस समय मियादी बुखार (टायफायड) और बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। सरकारी अस्पतालों में भी इन दिनों सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में इजा़फा हुआ है। चिकित्सकों की मानें तो सामान्य बुखार की अपेक्षा मियादी बुखार अधिक गंभीर रोग की श्रेणी में आता है। समुचित इलाज के अभाव में इससे जान जाने का भी ़खतरा बढ़ जाता है। सिविल सर्जन डा. देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि मियादी बुखार के लिए दूषित पानी एवं संक्रमित आहार का सेवन मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है। साफ पानी एवं ताजा भोजन सेवन कर इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि नियमित बढ़ने वाले तेज बुखार के साथ दस्त एवं उल्टी, बदन दर्द, कमजोरी, सिर दर्द, पेट दर्द ,भूख न लगना, बच्चों में दस्त की शिकायत एवं बुखार के साथ बड़ों में कब्ज की शिकायत मियादी बुखार के लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण दिखाई देने पर मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सकीय सलाह जरूर लेनी चाहिए।


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क्या है मियादी बुखार
मियादी बुखार यानि टायफायड फीवर सालमोनेला टायफी नामक वैक्टीरिया से फैलता है। यह वैक्टीरिया सामान्यता दूषित पानी एवं संक्रमित खाद्य पदार्थों में ही पनपता है। साथ ही यह वैक्टीरिया पानी में लम्बे समय तक जीवित रहने में समर्थ भी होता है। जिसके कारण दूषित पानी या संक्रमित भोजन सेवन करने से व्यक्ति मियादी बुखार से ग्रसित हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में प्रतिवर्ष एक से दो करोड़ लोग मियादी बुखार के शिकार होते हैं। ऐसे मरीजों को एंटीबायोटिक की डोज दी जाती है। मरीज को लगभग दो हफ्ते तक यह दवा खानी होती है।

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