मौसम का हुआ असर, बढ़ गया डायरिया का प्रकोप

संसू, नवहट्टा (सहरसा) : उमस भरी गर्मी और बारिश के कारण डायरिया बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। डायरिया की वजह से बच्चों और बुजुर्गों में अत्यधिक निर्जलीकरण की वजह से स्थिति बिगड़ने का खतरा रहता है।

विगत तीन दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवहट्टा में 52 डायरिया के मरीज का इलाज हुआ है। सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से जहां पांच साल से कम उम्र के बच्चों के बीच ओआरएस और जिक की दवा वितरित की जा रही है। वहीं हाथों की सफाई, डायरिया से बचाव संबंधी अन्य कारणों के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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दूषित जल का सेवन डायरिया का प्रमुख कारण :
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नवहट्टा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दूषित जल का सेवन डायरिया के प्रमुख कारणों में से एक है। नियमित दिनचर्या के साथ स्वच्छता का ध्यान रखते हुए डायरिया से काफी हद तक बचा जा सकता है। बरसात के मौसम में जलजमाव होने की वजह से डायरिया के जीवाणु तेजी से विकसित होते हैं। इसलिए घर के आसपास जलजमाव से बचाव और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना जरूरी है।
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तीन तरह की होती है डायरिया
डाक्टर राकेश कुमार ने कहा कि डायरिया बीमारी कई प्रकार की हैं। एक्यूट वाटरी डायरिया, इसमें दस्त काफी पतला होता है। ये कुछ घंटों या कुछ दिन तक ही होता है। इससे निर्जलीकरण एवं अचानक वजन में गिरावट का ़खतरा होता है। दूसरा एक्यूट ब्लडी डायरिया, इसे आमतौर पर शूल के नाम से जाना जाता है। इससे आंत में संक्रमण और कुपोषण का खतरा होता है। तीसरा परसिस्टेंट डायरिया, जो 14 दिनों या इससे अधिक समय तक रहता है। इसके कारण बच्चों में कुपोषण और संक्रमण का खतरा होता है। चौथे तरह के डायरिया का खतरा अतिकुपोषित बच्चों को ज्यादा रहता है। ये अत्यंत गंभीर किस्म का होता है। इससे संक्रमण, निर्जलीकरण, ह्रदय संबंधित समस्या, विटामिन व जरूरी खनिज लवण की शरीर में कमी की समस्या आती है।
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गांवों में किया गया ओआरएस का वितरण:
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गांवों में संचालित सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा से संबंधित जानकारी देते हुए बीपीएम मखदूम अशरफ ने बताया कि 15 से 30 जुलाई तक संचालित अभियान के क्रम में गांवों में चिह्नित परिवारों के बीच ओआरएस का वितरण किया जा चुका है। इससे पंद्रह हजार से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए हैं। इस क्रम में डायरिया से ग्रसित बच्चों को चिह्नित किया गया है। उन्हें 14 दिन का जिक व आवश्यकता के हिसाब से ओआरएस उपलब्ध कराया गया है। प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में विशेष सत्र आयोजित करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की मदद से हाथ धोने के सही तकनीक की जानकारी दी गयी है ।
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डायरिया के मरीज का इलाज
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नवहट्टा सीएचसी में चार दिनों में 52 डायरिया के मरीज का इलाज किया गया है । शुक्रवार को 90 मरीज में नौ शनिवार को 99 मरीज में दस सोमवार को 142 मरीज में 12 मंगलवार के रोज 115 मरीज में 21 मरीज डायरिया से ग्रसित रहा । चंद्रयान में डायरिया के 28 मरीज बकुनियां में 19 मरीज डायरिया के मरीज का इलाज किया गया है । अस्पताल आने वाले मरीजों में 15 फीसदी मरीज डायरिया से ग्रसित रहते हैं ।

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