आसमान में छाए रहेंगे बादल, होगी हल्की वर्षा

आसमान में छाए रहेंगे बादल, होगी हल्की वर्षा

समस्तीपुर । उत्तर बिहार में अगले कुछ दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। इस दौरान हल्की वर्षा हो सकती है7 27-28 अगस्त को मध्यम वर्षा होने का अनुमान है। यह कहना है मौसम विभाग का। मंगलवार को अगले 28 अगस्त तक के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में यह बात कही गई है। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि पूर्वानुमान की अवधि में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाये रह सकते हैं। इस अवधि में हल्की हल्की वर्षा होने की संभावना है। समस्तीपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढी, पूर्वी चम्पारण तथा पाश्चिमी चम्पारण के कुछ स्थानों पर 27-28 अगस्त के आसपास मध्यम वर्षा भी हो सकती हैं। इस अवधि में अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में पुरवा हवा चलने का अनुमान है। औसतन 8 से 10 किलाेमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 80 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। उचास खेतों में कर सकते हैं अरहर की बुआई किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा गया है कि धान की फसल में खैरा बीमारी दिखाई पड़ने पर खेतों में जिंक सल्फेट 5.0 किलोग्राम तथा 2.5 किलोग्राम बुझा चूना का 500 लीटर पानी में घोल बना कर एक हेक्टेयर में छिड़काव आसमान साफ रहने पर ही करें। पिछात धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के कार्य को प्राथमिकता दें। अगात धान की फसल में तना छेदक कीट की निगरानी करें। तना छेदक कीट दिखने पर बचाव के लिए फेरोमोन ट्रैप की 12 ट्रैप प्रति हेक्टेयर का प्रयोग करें। खेतों में 5 प्रतिशत क्षतिग्रस्त पौधे दिखाई देने पर करताप हाईड्रोक्लोराईड दाने-दार दवा का अथवा फिप्रोंनिल 0.3 जी का 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से व्यवहार करें। सितम्बर अरहर की बुआई उचास जमीन में करें। बुआई के समय प्रति हेक्टेयर 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम फास्फोरस, 20 किलोग्राम पोटाश तथा 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें। अरहर की पूसा-9 तथा शरद प्रभेद उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है। बुआई के 24 घंटे पूर्व 2.5 ग्राम थीरम दवा से प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। बुआई के ठीक पहले उपचारित बीज को उचित राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर बुआई करनी चाहिए। जून-जुलाई में बोयी गई अरहर की फसल में कीट-व्याधि का निरीक्षण करते रहें।

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