तरियानी के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित सभी पांच आशा फैसिलिटेटर के मानदेय भुगतान पर रोक

तरियानी के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित सभी पांच आशा फैसिलिटेटर के मानदेय भुगतान पर रोक

शिवहर। संस्थागत प्रसव की बजाए घरों में प्रसव होने के मामले को डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने गंभीरता से लिया है। साथ ही तरियापी पीएचसी के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित सभी पांच आशा फैसिलिटेटर के मानदेय भुगतान पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दिया है। डीएम ने वैसी आशा जिनके क्षेत्र में घर में प्रसव हो रहा है, उन्हें स्पष्टीकरण जारी कर जवाब लेने का निर्देश दिया है। मंगलवार को समाहरणालय में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में डीएम ने यह निर्देश दिया। डीएम ने राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी सूचकांक अनुरूप स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा में पाया गया कि जून 2022 की तुलना में अधिकांश सूचकांक संस्थागत प्रसव, एएमसी टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन व आरसीएच पोर्टल की उपलब्धि में प्रगति हुई है। पाया गया कि जून 2022 में मात्र 680 संस्थागत प्रसव हुए थे। जो जुलाई 2022 में बढ़कर 915 हो गया है। संस्थागत प्रसव की उपलब्धि जुलाई में बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि तरियानी प्रखंड में जुलाई में सर्वाधिक 91 बच्चों का जन्म घर पर हुआ है। डीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए आशा को कारणपृच्छा नोटिस जारी करने और तरियानी के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित सभी प्रखंडों के फैसिलिटेटर के मानदेय पर अगले आदेश तक तक रोक लगाने का निर्देश दिया। डीएम ने सभी प्रखंडों को संस्थागत प्रसव हेतु लाभार्थियों को प्रेरित करने का निर्देश दिया। बैठक में कायाकल्प एवं लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अस्पताल प्रबंधक को जिला स्तर पर प्रशिक्षित करते हुए एक सप्ताह के भीतर एवं प्रसव कक्ष की कमी को चिन्हित करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। तरियानी के पीएचसी प्रभारी को पुरुष नसबंदी कराने का निर्देश दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सेवा प्रदाता संस्था से समन्वय स्थापित करते हुए पुरुष नसबंदी हेतु आवश्यक कदम उठाए ताकि में सामूहिक प्रयास से शिवहर जिला सूबे में प्रथम स्थान प्राप्त कर सके। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक व प्रबंधक को प्रत्येक माह कम से कम 10 सी सेक्शन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में काम के आधार पर अस्पतालों की रैंकिंग तैयार की गई। जिसमें पुरनहिया पीचसी को अव्वल और डुमरी कटसरी को सबसे अंतिम स्थान मिला। डीएम ने जननी बाल सुरक्षा योजना अंतर्गत भुगतान लंबित रहने पर नाराजगी व्यक्त की। वहीं सात दिनों के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया। मौके पर सीएस, डीपीएम, एसीएमओ, डीआईओ और स्वास्थ्य प्रबंधक आदि मौजूद रहे।
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