बारिश की मामूली फुहार में भी सड़कों पर लग जाता है पानी

बारिश की मामूली फुहार में भी सड़कों पर लग जाता है पानी

संस, सहरसा: मानसून उतर जाने के बाद से अबतक जिले में बारिश के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। बारिश के कारण खरीफ की फसल बर्बाद होने के कगार पर है। ऐसे में जब भी आसमान में बादल देखकर , किसानों का चेहरा खिल उठता है। परंतु शहरी क्षेत्र में लोग घबरा जाते हैं। वुडको, नगर परिषद व पथ निर्माण विभाग द्वारा जलनिकासी के नाम पर विगत चार वर्ष में लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च किया गया, परंतु जो स्थिति चार वर्ष पूर्व थी, उससे बेहतर स्थिति में शहर आज भी नहीं है। कुछ मोहल्लों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, परंतु अधिकांश मोहल्लों की स्थिति मामूली बारिश के बाद भी नारकीय हो जाती है। एक पखवाड़े के बाद मंगलवार को महज एक घंटे की हुई बारिश के कारण नगर का हर मोहल्ला पानी- पानी हो गया है। नया बाजार, सराही, बटराहा्, कृष्णा नगर, शारदा नगर, हटियागाछी, सहरसा बस्ती, विद्यापति नगर, गौतमनगर आदि मोहल्ले के हर गली में पानी लग गया है। इस वर्ष जलनिकासी के लिए जिला प्रशासन की टीम द्वारा सूक्ष्मस्तरीय प्लान भी बनाया गया, ताकि जिन मोहल्लों का संपर्क नालियों से नहीं हो पाया है, वहां से पंपसेट या अन्य संसाधनों के सहारे जलनिकासी हो सके। बावजूद इसके जब- जब बारिश होती है,तो प्रशासन के सभी व्यवस्थाओं की पोल खुल जाती है। गत वर्ष पंपसेट के सहारे पानी निकालने के नाम पर भी बड़ा लूट हुआ। कई महीने तक शहर का पानी पटेल मैदान में फेका जाता रहा है, जिससे पटेल मैदान और हवाई अड्डा का पूर्वी भाग नरक में तब्दील हो गया है। ऐसे में अगर अभी भी लगातार बारिश हुई, तो शहर की स्थिति भयावह हो सकती है।
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