मरीजों को छोड़ फरार हुआ फर्जी चिकित्सक, जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती

मरीजों को छोड़ फरार हुआ फर्जी चिकित्सक, जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती

बगहा। एसडीएम के नेतृत्व में रामनगर में फर्जी अस्पतालों के खिलाफ छापेमारी का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। इस दौरान अधिकारियों की टीम ने एक अस्पताल को सील किया। इस कार्रवाई से अवैध अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा रहा। चिकित्सक व कर्मी मरीजों को अस्पताल में छोड़ फरार हो गए थे। ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल भिजवाया गया। बता दें कि बीते मंगलवार की शाम दो अवैध नर्सिंग होम सील किए गए। वहीं बुधवार की सुबह भी एक अस्पताल को सील किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रभूषण, स्वास्थ्य प्रबंधक विनोद कुमार सिंह, सीआइ देवेंद्र तिवारी समेत अन्य कर्मी मौजूद थे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि नरैनापुर रोड स्थित अमन हॉस्पिटल, शिव मंदिर से नरैनापुर रोड में स्थित (गोरू) अब शिवांगी क्लिनिक, सोनखर रोड दुर्गानगर में संचालित सिटी इमरजेंसी व ट्रामा सेंटर को सील कर दिया गया है। नेपाली टोला के संजीवनी के संबंध में छानबीन की जा रही है। दुर्गानगर में बेनामी क्लिनिक तीन माह से बंद है। इसमें कोई नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि रामनगर में अवैध नर्सिंग होग का धंधा बेखौफ जारी है। दलालों के माध्यम से यह मरीजों को झांसे में लेते हैं और महीनों इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण करते हैं। सही इलाज न होने से आए दिन मरीजों की जान चली जाती है। एक सप्ताह के अंदर ही दो महिलाओं ने फर्जी क्लिनिकों में दम तोड़ दिया है। इसको लेकर मंगलवार को एसडीएम दीपक मिश्रा के नेतृत्व में छापामारी अभियान चलाया गया था। इधर पीएचसी प्रभारी ने बताया कि इस तरह का अभियान लगातार चलाया जाएगा। नाम किसी का, इलाज करता कोई और बगहा। अवैध नर्सिंग होम संचालक मरीजों की जान से लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं। बोर्ड पर नाम किसी का और इलाज कोई और चिकित्सक करता है। इसके चलते कई मरीजों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेवार मूक दर्शक बने हैं। तमाम जगहों पर खुले नर्सिंग होम के बोर्ड पर नाम बड़े चिकित्सक का नाम लिखा है, लेकिन वे कब आते हैं, कब जाते हैं यह कोई नहीं जानता। इनके नाम पर झोलाछाप चिकित्सक मरीजों को लूटते हैं। बड़े से बड़ा ऑपरेशन तक कर देते हैं। इसमें ऑपरेशन सफल होता है तो कुछ असफल होने के कारण मरीजों की जान चली जाती है। विवाद बढ़ने पर दबाव देकर या लेनदेन कर मामला दबा दिया जाता है। बता दें कि अनुमंडलीय अस्पताल में सर्जन विजय कुमार के आने के बाद से ऑपरेशन आरंभ हुआ है। अस्पताल में भी सुविधा संसाधन की कमी आड़े आ रही है। जिसका फायदा फर्जी अस्पताल संचालक उठा रहे हैं। आधुनिक उपकरण होने का झांसा देकर दलालों के माध्यम से मरीजों को अपने यहां बुलवाते हैं और आर्थिक शोषण करते हैं। कुछ दिन पूर्व तेलिया टोला की एक ममता ने महिला का गर्भपात किया था। इस दौरान उसकी जान चली गई। मामला उजागर होने के बाद भी ममता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएस वीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि सभी पीएचसी प्रभारियों को जांच करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

अन्य समाचार