घर में हुआ बच्चे का जन्म तो होगी कार्रवाई

घर में हुआ बच्चे का जन्म तो होगी कार्रवाई

शिवहर। अस्पतालों में संस्थागत प्रसव बढ़ाने और बाल मृत्यु दर में कमी लाने के लिए डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक जिले में अगर किसी बच्चे का जन्म घर पर हुआ तो संबंधित आशा और आशा फैसिलिटेटर पर कार्रवाई होगी। संस्थागत प्रसव की समीक्षात्मक बैठक में प्रखंडों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने यह कार्रवाई की है। दरअसल स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव पर जोर के तहत सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक ओटी व प्रसव कक्ष की व्यवस्था है। प्रसव के लिए महिलाओं को उसके घर से अस्पताल लाने के लिए एंबुलेंस को एक्शन मोड में रखा गया है। सभी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के इलाज की व्यवस्था है। सदर अस्पताल में सिजेरियन आपरेशन समेत इलाज की पूरी व्यवस्था है। यह पूरी कवायद बाल मृत्यु दर में कमी और कुपोषण को समाप्त करने के लिए की गई है। बावजूद इसके पिछले माह तरियानी प्रखंड में 91 बच्चों का जन्म घर पर हुआ है। ऐसे में डीएम ने तरियानी के प्रखंड स्वास्थ्य उत्प्रेरक और आशा फैसिलिटेटर के वेतन पर रोक लगा दी है। संबंधित आशा से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जिले के सभी प्रखंडों के संबंधित अधिकारियों और कर्मियों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जुलाई में बढ़ी संस्थागत प्रसव की संख्या वार्ड स्तर पर आशा द्वारा गर्भवती महिलाओं की सेहत की मानीटरिंग की जाती है। साथ ही प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाया जाता है। सरकार की इस पहल से अस्पतालों में प्रसव बढ़ा है। आंकड़ों पर गौर करें तो जून 2022 में मात्र 680 संस्थागत प्रसव हुए थे, लेकिन जुलाई में इसकी संख्या बढ़कर 915 हो गई। जून माह में 32 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए तो जुलाई में 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 48 प्रतिशत पहुंच गया। हालांकि इसी अवधि में दस प्रतिशत से अधिक बच्चों का जन्म घर पर हुआ है। इसमें तरियानी प्रखंड अव्वल है। ऐसे में डीएम ने अब घर पर बच्चों के जन्म होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। साथ ही सिविल सर्जन और डीपीएम को इसकी मानीटरिंग का निर्देश दिया है। पीएचसी प्रभारियों को भी नियमित रूप से संस्थागत प्रसव की मानीटरिंग करनी होगी। डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि संस्थागत प्रसव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य योजनाओं का राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश के आलोक में शत-प्रतिशत कार्यान्वयन किया जाएगा।

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